अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी
Adani Group: हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद विपक्ष लगातार मांग कर रहा है कि अडानी ग्रुप की कंपनियों पर लगे आरोपों की जांच की जाए. इसको लेकर विपक्ष सरकार पर निशाना साधता रहा है. वहीं इस मुद्दे पर सोमवार को लोकसभा में सरकार की तरफ से बताया गया कि हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के बाद अडाणी समूह का हिस्सा बनने वाली नौ सूचीबद्ध कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में लगभग 60 प्रतिशत की गिरावट देखी गई लेकिन इन कंपनियों के शेयरों में उतार चढ़ाव का प्रणालीगत स्तर पर कोई महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं पड़ा है.
लोकसभा में एनके प्रेमचंद्रन के प्रश्न के लिखित उत्तर में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने यह बात कही. सदस्य ने पूछा था कि क्या सरकार ने देश के कारपोरेट क्षेत्र में हिंडनबर्ग रिपोर्ट के प्रभाव का विश्लेषण किया है और क्या उक्त रिपोर्ट के प्रभाव के संबंध में कोई जांच/अध्ययन कराने का उसका कोई विचार है.
पंकज चौधरी ने कहा कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) को प्रतिभूति बाजारों के वैधानिक नियामक के रूप में निवेशकों के संरक्षण सहित प्रतिभूति बाजारों के स्थिर संचालन और विकास को प्रभावित करने के लिए नियामक ढांचे को लागू करने का आदेश प्राप्त है. वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि इसके अनुसार सेबी, किसी भी बाजार इकाई द्वारा अपने विनियमों के कथित उल्लंघन की जांच करता है. इसी के अनुरूप, यह अडानी ग्रूप ऑफ कंपनीज के खिलाफ बाजार के आरोपों की जांच कर रहा है.
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर धड़ाम
उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के बाद 24 जनवरी 2023 से एक मार्च 2023 तक अडानी समूह का हिस्सा बनने वाली नौ सूचीबद्ध कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में लगभग 60 प्रतिशत की गिरावट देखी गई. चौधरी ने कहा कि इन कंपनियों के शेयरों में उतार चढ़ाव का प्रणालीगत स्तर पर कोई महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं पड़ा है. इस अवधि में निफ्टी 50 में लगभग 4.5 प्रतिशत की गिरावट आई. बता दें कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई थी.
भारत एक्सप्रेस