यूपी के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने कार्यकाल में बहुत सी ऐसी योजनाएं चलाई हैं जो मील का पत्थर साबित हुई हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सहयोगी रहे एके शर्मा इन दिनों देश की सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में ऊर्जा एवं नगर विकास विभाग में मंत्री हैं.
उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए के शर्मा ने 25 मार्च, 2022 को मंत्री पद की शपथ ली थी. इसके पश्चात ही महज 10 दिनों में नगरीय निकाय, निदेशालय में DCCC (Dedicated Command & Control Center) की शुरुआत की, जिसके माध्यम से शहरों की सफाई व्यवस्था की मॉनिटरिंग की जाती है और जनशिकायतों का निस्तारण भी कराया जाता है.
शिकायत करने के लिए उत्तर प्रदेश में पहली बार टोल फ्री नंबर 1533 भी आमजन को उपलब्ध कराया गया. साथ ही जनता से सीधे जुड़ने और उनकी समस्यायों के त्वरित निस्तारण के लिए उन्होंने 18 मई, 2022 अपने दोनो विभागों में SAMBHAV नामक व्यवस्था को शुरू किया. इसके माध्यम से 03 से 04 चरणों में प्रति सप्ताह अधिकारियों द्वारा जनसुनवाई की जाती है, प्रत्येक महीने स्वयं मंत्री ए के शर्मा के स्तर से भी राज्य स्तरीय जनसुनवाई की जाती है.
जनसुनवाई के दौरान मंत्री ए के शर्मा वर्चुअल माध्यम से शिकायतकर्ता और सम्बंधित अधिकारी से शिकायत के सम्बन्ध में बात करते हैं और वास्तविक स्थित की जानकारी लेते है. मंत्री द्वारा इस दौरान ऑनलाइन संवाद कर कार्यों में लापरवाही व शिथिलता बरतने तथा राजस्व को नुकसान पहुंचाने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों पर तत्काल सख्त कार्रवाई करने के भी निर्देश देते हैं. मंत्री ए के शर्मा का मानना है कि लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत करने और लोगो का इस पर विश्वास बहाली के लिए आमजन की परेशानियों के प्रति संवेदनशीलता दिखानी होगी. इसमें अब काम चलाऊ और टालने की कार्य संस्कृति नहीं चलेगी. जनता की शिकायतों को गंभीरता से न लेने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने व जनशिकायतों के लंबित प्रकरणों और विभाग को आर्थिक नुकसान पहुंचाने वाले कार्यों की जांच कर सीधे संबंधित अधिकारी और कर्मचारी से वसूली की जानी चाहिए.
मंत्री ए के शर्मा के प्रयासों से एक वर्ष में नगर विकास विभाग में आई कुल 46308 जन शिकायतों में से 45829 का सफल निस्तारण कराया गया, वहीं ऊर्जा विभाग में भी 170854 शिकायतों में से 156699 का सफल निस्तारण हो चुका है और 14155 प्रक्रिया में हैं. सरकार की पारदर्शी, संवेदनशील, परेशानियों में शीघ्र राहत देने व लोकतांत्रिक प्रक्रिया की इस व्यवस्था से लोगो का प्रदेश सरकार के प्रति विश्वास बढ़ा है.
ए के शर्मा जब से प्रदेश में मंत्री बने हैं, उन्होंने जनता जनार्दन को सर्वोपरि रखा है, उनका विश्वास है कि लोक कल्याणकारी सरकार की अवधारणा को मजबूत करने के लिए पीड़ित को शीघ्र न्याय मिले, ऐसी सरकार की व्यवस्था हो. इसी की पूर्ति के लिए ही उन्होंने अपने दोनो विभागों में आधुनिक तकनीक का प्रयोग कर लाखों पीड़ितो को राहत पहुंचाई है. मंत्री ए के शर्मा को प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी के साथ रहकर ऐसी व्यवस्था में कार्य करने का विस्तृत अनुभव था, जिसका प्रयोग उन्होंने प्रदेश में भी किया.
ए के शर्मा ने पीएम मोदी के गुजरात मुख्यमंत्री रहने के दौरान वर्ष 2003 में गुजरात सरकार के ‘SWAGAT’ नाम की ऐसी व्यवस्था में कार्य किया था, जिसमें आम जनता को सरकार के साथ अपनी मुश्किलें साझा करने तथा उसे शीघ्र सुलझाने के लिए विकसित किया गया था. उन दिनों गुजरात में समाज के गरीब, अशिक्षित और दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों के साथ कई मुश्किलें थीं क्योंकि, सरकार के स्तर पर पारदर्शिता का न तो कोई माध्यम था और न ही जवाबदेही. लेकिन ‘SWAGAT’ की शुरुआत के बाद से ही इसके सुखद परिणाम मिले.
मंत्री ए के शर्मा उन दिनों गुजरात मुख्यमंत्री कार्यालय में बतौर सचिव कार्यरत थे, जहां से उन्होंने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लोकतांत्रिक संस्थाओं तक आम लोगों की आसान पहुंच, लोगों की समस्यायों का त्वरित समाधान करना सीखा. आगे चलकर उन्होंने पाया कि SWAGAT की बदौलत गुजरात के लोगो की जिंदगी में काफी तेजी से बदलाव आया और आज ईज ऑफ लिविंग एंड रीच ऑफ गवर्नेंस में बदल गई.
नरेंद्र मोदी ने इसकी प्रशंसा करते हुए कहा कि गुड गवर्नेंस लोगों की जिंदगियों से, सपनों से और संकल्पों से जुड़ी हुई एक प्रगतिशील व्यवस्था होती है. मेरे लिए SWAGAT की सफलता का सबसे बड़ा अवार्ड ये है कि इसके जरिए हम गुजरात के लोगों की सेवा कर पाये. वर्ष 2010 में इस व्यवस्था को अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला, संयुक्त राष्ट्र ने सार्वजनिक सेवा पुरस्कार से सम्मानित भी किया एवं वर्ष 2013 में भारत सरकार ने भी इसे नेशनल ई- गवर्नेंस अवार्ड से सम्मनित किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में ‘SWAGAT’ पहल के 20 साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि हमने जिस उद्देश्य से SWAGAT को शुरू किया था, वो पूरी तरह सफल रहा. इसके जरिए लोग न सिर्फ अपनी समस्या का हल कर पा रहे हैं, बल्कि अपने साथ-साथ सैकड़ों परिवारों की बात भी उठा रहे हैं. उन्होंने शुरूआती दिनों की बात करते हुए कहा कि “आज जब मैं देखता हूं कि SWAGAT नाम का यह बीज आज इतना विशाल ‘वट वृक्ष’ बन गया है, तो मुझे भी गर्व होता है, संतोष होता है, और मुझे खुशी है कि मेरे पुराने साथी जो उस समय स्वागत कार्यक्रम को संभालते थे, मेरे सीएम ऑफिस में ए के शर्मा, उन्होंने इकोनॉमिक टाइम्स में इस SWAGAT कार्यक्रम पर अच्छा आर्टिकल भी लिखा है. उन्होंने उस समय के अपने अनुभव लिखे हैं लेकिन आजकल तो वो भी मेरी दुनिया में आ गए हैं, वह भी राजनीति में आ गए हैं. उत्तर प्रदेश में मंत्री बन गए हैं लेकिन उस समय वो एक सरकारी अफसर के रूप में स्वागत के मेरे कार्यक्रम को संभालते थे.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गुजरात के करोड़ों नागरिकों की सेवा में समर्पित SWAGAT कार्यक्रम 20 वर्ष पूरा कर लिया है, मुझे अभी भी पुराने अनुभवों को सुनने का, पुरानी यादें ताजा करने का मौका मिला. प्रधानमंत्री ने कहा ‘SWAGAT’ की सफलता में कितने ही लोगों का अनवरत श्रम लगा है, कितने ही लोगों की निष्ठा लगी है मैं उन सभी लोगों का धन्यवाद करता हूं.
उन्होंने कहा हमने बताया कि गवर्नेंस सिर्फ नियम, कानून और लकीरों तक सीमित नहीं होती है. गवर्नेंस होती है- इनोवेशंस से, गवर्नेंस होती है- नए आइडियाज से. गवर्नेंस प्राणहीन व्यवस्था नहीं है, ये जीवंत व्यवस्था होती है, संवेदनशील व्यवस्था होती है. गवर्नेंस लोगों की जिंदगियों से, सपनों से और संकल्पों से जुड़ी हुई एक प्रगतिशील व्यवस्था होती है. उन्होंने कहा कि गुजरात में तो स्वागत का इतना असर रहा है कि अप्रैल 2003 से मार्च 2023 तक प्राप्त शिकायतो में से 99.91 फीसदी सुलझा ली गई हैं.
भारत एक्सप्रेस
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