केडीए उपाध्यक्ष अरविंद सिंह (फोटो- सोशल मीडिया)
Kanpur: कानपुर विकास प्राधिकरण (KDA) के उपाध्यक्ष आईएएस अधिकारी अरविंद सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है. इसी के साथ सम्बंधित थानाध्यक्ष को आदेश दिया गया है कि वह उपाध्यक्ष को न्यायालय में पेश कराएं. इस खबर के सामने आने के बाद केडीए में हड़कम्प मच गया है.
सूत्रों के मुताबिक, उपभोक्ता फोरम ने उपाध्यक्ष को अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए कई बार कहा था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. आरोप है कि वह लगातार उपभोक्ता फोरम के आदेश को नजर अंजाद करते रहे. इसी के बाद उपभोक्ता फोरम ने कड़ा रुख अपनाते हुए केडीए के उपाध्यक्ष के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया है.
बता दें कि कानपुर के जूही डब्लू ब्लाक स्थित जवाहर विद्या समिति के आवंटन से जुड़े एक मामले में सुनवाई करते हुए उपाध्यक्ष के खिलाफ वारंट जारी किया गया है. जानकारी सामने आ रही है कि इस मामले में उपभोक्ता फोरम ने पुलिस को आदेश जारी किया है कि वह केडीए के उपाध्यक्ष को 27 मई 2023 को फोरम के समक्ष प्रस्तुत करें.
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जानें क्या है मामला
सूत्रों के मुताबिक, 39 साल से परिवादी प्लाट पर कब्जा पाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है और इस मामले में वह अपना पक्ष रख रहा है. पीड़ित के मुताबिक, जूही कलां में जवाहर विद्या समिति को 19 जनवरी 1984 को 5138.67 वर्ग मीटर का एक भूखंड उसे आवंटित किया गया था, लेकिन उसे प्लाट पर कब्जा नहीं मिला. इस पर उसने जिला उपभोक्ता फोरम में अपील की. इस पर 19 साल बाद आदेश किया गया कि एक महीने के अंदर रजिस्ट्री कराकर समिति को भूखंड का कब्जा दे दिया जाए, लेकिन इसके बाद भी उसे कब्जा नहीं मिला. इस पर उसने फोरम में फिर से गुहार लगाई. इस पर जिला उपभोक्ता आयोग (पूर्व जिला उपभोक्ता फोरम) ने 15 जुलाई 2022 को 25 दिन के अंदर कब्जा दिलाने का आदेश दिया था. बावजूद इसके केडीए की ओर से फोरम को कोई जवाब नहीं दिया गया. इस पर नोटिस का जवाब न मिलने के बाद ही केडीए के उपाध्यक्ष के लगातार अनुपस्थित रहने के कारण उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया गया है. इस खबर के सामने आने के बाद केडीए में हड़कम्प मच गया है.
-भारत एक्सप्रेस