प्रतीकात्मक तस्वीर
GST applicable on Soft Drinks : गर्मी के मौसम में आदमी को ठंडी और सस्ती कोल्डड्रिंक की सौगात मिल सकती है. दरअसल कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने पेय पदार्थों (Beverages) पर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) की दर को 28% से घटाने की मांग की है. कैट का कहना है कि सेस लगने के बाद टैक्स 40% हो जाता है. जिसके कारण छोटे कारोबारियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. कैट ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय ( Finance Ministry ) से पेय पदार्थों पर GST Rate घटाने की अपील की है. साथ ही जीएसटी की जगह इन चीजों पर टैक्स के लिए शुगर बेस्ड टैक्स (SBT) सिस्टम अपनाने की सलाह दी है. यानि इन प्रोडक्टस पर टैक्स उनमें शुगर की मात्रा के आधार पर तय करना चाहिए.
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दरअसल इन प्रोडक्ट्स में शुगर बहुत कम या लगभग न के बराबर होता है.जिसकी वजह से अगर शुगर की क्वाटिंटी के हिसाब से टैक्स लगाया जाएगा तो इन लोगों पर टैक्स का बोझ कम हो जाएगा. इस तरह से टैक्स लगाने का फायदा सिर्फ कारोबारियों को नहीं बल्कि आम आदमी को भी होगा. दरअसल टैक्स कम होने की वजह से रिटेल सेलर्स के पास वर्किंग कैपिटल बड़ जाएगी और वो अपनी बिक्री बढ़ाकर आमदनी दोगुनी कर सकेंगे. आम आदमी को भी सस्ती कोल्डड्रिंक मिलेगी जिससे उसे भी महंगी से थोड़ी राहत मिल सकती है.
कैट के महासचिव प्रवीन खंडेलवाल का कहना है कि पेय उत्पादों पर जीएसटी (GST) घटाने के मुद्दे पर अभियान चलाने की तैयारी की जा रही है. जिसके माध्यम से केंद्र और राज्य सरकारों को इस दिशा में कदम उठाने के लिए कहा जाएगा. आपको मालूम हो कि 17 सितंबर, 2021 को हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में कार्बोनेटेड पेय उत्पादों पर 28% की दर से GST और 12% सेस लगाने का फैसला किया गया था. जो अब सभी के ऊपर भारी पड़ रहा है.
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