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अमेरिका ने भारत के साथ साझेदारी को बताया महत्वपूर्ण, पीएम मोदी की अमेरिका की यात्रा होगी खास

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा है कि “भारत के साथ हमारी साझेदारी हमारे सबसे महत्वपूर्ण संबंधों में से एक है.”

Matthew Miller

मैथ्यू मिलर

अमेरिका और भारत के रिश्तें एक नए दौर में प्रवेश कर चुके हैं. मोदी सरकार में दोनों ही देशों के प्रमुखों के बीच अभी तक की मुलाकात काफी गर्मजोशी भरी रही है. वहीं अमेरिका ने कहा है कि भारत के साथ उसकी साझेदारी उसके सबसे महत्वपूर्ण संबंधों में से एक है और देश महत्वपूर्ण प्राथमिकताओं पर भारत के साथ मिलकर काम करता है.

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा है कि “भारत के साथ हमारी साझेदारी हमारे सबसे महत्वपूर्ण संबंधों में से एक है. हम अपनी सबसे महत्वपूर्ण प्राथमिकताओं पर भारत के साथ मिलकर काम करते हैं, और हम उम्मीद करते हैं कि राजदूत गार्सेटी हमारे देशों के बीच संबंधों को गहरा करने और साझा चिंता के इन मामलों पर काम करने में सक्षम होंगी.”

वीजा आवेदनों को लेकर कही यह बात

मिलर ने कहा कि अमेरिकी कांसुलर टीमों ने वीजा मुद्दे को पहचाना. “हम स्पष्ट रूप से मानते हैं कि यह चिंता का विषय है और हमारी कांसुलर टीमें भारत में यथासंभव वीजा आवेदनों को लेकर एक बड़ा प्रयास कर रही हैं, जिसमें वीज़ा श्रेणियों में वे भी शामिल हैं जो द्विपक्षीय संबंधों के लिए महत्वपूर्ण हैं. यह हमारे लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है.” 22 जून को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका की राजकीय यात्रा पर बोलते हुए, मिलर ने कहा, “निश्चित रूप से, यूक्रेन में युद्ध उन विषयों में से एक होगा जिन पर चर्चा हो रही है. यह उन विषयों में से एक रहा है जिन पर पिछली बैठकों में चर्चा हुई है.”

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पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा

इस बीच, व्हाइट हाउस ने हाल ही में कहा कि पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा अमेरिका और भारत के बीच गहरी, करीबी साझेदारी की पुष्टि करने का एक अवसर होगा. व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव काराइन जीन पियरे ने पीएम मोदी की अमेरिका की राजकीय यात्रा पर कहा, “राष्ट्रपति और प्रथम महिला 22 जून को होने वाली आधिकारिक राजकीय यात्रा के लिए प्रधान मंत्री मोदी का स्वागत करने के लिए उत्सुक हैं.” व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव ने कहा कि यह यात्रा रक्षा, स्वच्छ ऊर्जा और अंतरिक्ष सहित सामरिक प्रौद्योगिकी साझेदारी का मूल्यांकन करने के लिए एक स्वतंत्र, खुले, समृद्ध और सुरक्षित हिंद-प्रशांत और साझा संकल्प के लिए अमेरिका-भारत की साझा प्रतिबद्धता को भी मजबूत करेगी.



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