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भारतीय नौसेना यूएस सी गार्जियन ड्रोन की लीज बढ़ाना चाहती है

चीन के साथ जारी सीमा विवाद के बीच भारतीय नौसेना ने दो प्रिडेटर (MQ-9 सी गार्डियन) ड्रोन की मदद से समुद्री इलाकों पर पैनी नजर बनाए रखी। नौसेना ने बताया कि इन ड्रोन की मदद से हमें पूरे हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री बल की निगरानी बढ़ाने में मदद मिली.

Indian Navy wants to extend the lease of US Sea Guardian drones

भारतीय नौसेना यूएस सी गार्जियन ड्रोन की लीज बढ़ाना चाहती है

New Delhi : पीएम नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान सशस्त्र ड्रोन का अधिग्रहण, हाई-टेक टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और इंडो-पैसिफिक चर्चा के विषय होंगे हिंद-प्रशांत में समुद्री डोमेन जागरूकता पर क्वाड राष्ट्रों के हाथ मिलाने के साथ, भारत ने अमेरिका से सशस्त्र ड्रोन के अधिग्रहण में तेजी लाने की योजना बनाई है, यहां तक कि भारतीय नौसेना दो जनरल एटॉमिक्स निर्मित सी गार्जियन सर्विलांस ड्रोन के पट्टे का विस्तार करने की दिशा में काम कर रही है, जो 2019 में समाप्त हो रहा है. जनवरी 2024 दो सी गार्जियन ड्रोन तमिलनाडु के राजली नेवल बेस पर आधारित हैं. जबकि सशस्त्र प्रीडेटर ड्रोन (MQ-9B) की लागत अधिग्रहण कार्यक्रम में एक निर्धारित कारक होगी, भारतीय नौसेना अपने निगरानी संस्करण, सी गार्जियन के आउटपुट से संतुष्ट है, क्योंकि उनमें से दो को समुद्री डोमेन के लिए 2020 में पट्टे पर दिया गया था.

ड्रोन ने बढ़ाई हमारी क्षमता : नेवी वाइस चीफ
ANI को दिए गये इंटरव्यू में नेवी के वाइस चीफ वाइस एडमिरल अशोक कुमार ने बताया कि MQ-9 सी गार्डियन ड्रोन हमें एक बड़े इलाके पर नजर रखने की ताकत देते हैं. और इससे हम अपने समुद्री निगरानी का दायरा भी बढ़ा सकते हैं. उन्होंने कहा कि ड्रोन का उपयोग संभावित दुश्मनों पर नजर रखने के लिए किया जाता है, लेकिन इसका इस्तेमाल उन जहाजों की निगरानी के लिए भी किया जाता है, जिनका मूवमेंट हमें चिंताजनक लगे या वे जो समुद्री सीमाओं के कानून का पालन नहीं करते. यह चीन या जापान, या किसी भी देश से हो सकते हैं.

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अमेरिका से लीज पर लिए ड्रोन
लद्दाख की गालवान घाटी में संघर्ष के बाद तीनों सेनाएं पूरी तरह अलर्ट पर थी और किसी भी तरह की कोताही नहीं बरतना चाहती थीं. इसलिए समुद्री सीमाओं में चीनी वॉरशिप और अन्य संदिग्ध जहाजों की आवाजाही पर कड़ी नजर रखने में मदद करने के लिए इन दो ड्रोन को भारतीय नौसेना ने अमेरिका से लीज पर लिया था. दोनों ड्रोन पिछले साल नवंबर के मध्य में भारत आए थे और नवंबर के तीसरे हफ्ते में इस सिस्टम को चालू कर दिया गया था.

-भारत एक्सप्रेस 



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