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छत्तीसगढ़ में रमन सिंह नहीं तो कौन, किसके चेहरे पर सत्ता में वापसी के लिए जोर लगा रही बीजेपी?

Chhattisgarh Assembly Election 2023: डॉक्टर रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ की पहचान विकास के लिए हुआ करती थी, लेकिन उसकी पहचान आज कोयला, चावल घोटाला, ईडी की जांच बन गई है.

chhattisgarh election 2023

एक कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी व रमन सिंह

Chhattisgarh Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश और राजस्थान के साथ-साथ छत्तीसगढ़ में भी विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इसको लेकर सत्ताधारी दल कांग्रेस और विपक्षी दल बीजेपी अपनी-अपनी रणनीति बनाने में जुटी है. भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) के नेतृत्व में जहां कांग्रेस फिर से सत्ता में वापसी का दावा कर रही है, वहीं बीजेपी का कहना है कि जनता कांग्रेस की सरकार से तंग आ गई है और राज्य में बीजेपी की बहुमत वाली सरकार बनेगी. इन सबके बीच इस बात की चर्चा हो रही है कि छत्तीसगढ़ में बीजेपी का चेहरा पूर्व सीएम रमन सिंह (Raman Singh) ही होंगे या कोई और?

हमारे पास मोदी का चेहरा

इसका जवाब खुद डॉ. रमन सिंह ने दिया. एक निजी चैनल के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि 2003 के चुनाव में भी चेहरा वह नहीं थे और पार्टी ने सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ा था. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस ने ‘भूपेश हैं तो भरोसा है’… के पोस्टर लगाए थे, लेकिन अब वे भी भरोसे की सरकार पर आ गए हैं. रमन सिंह ने कहा, “हमारे पास पीएम मोदी के रूप में बड़ा चेहरा है.” मुख्यमंत्री को लेकर सवाल पर रमन सिंह का कहना था कि पार्टी ने जब अवसर रहा मुख्यमंत्री के रूप में काम करने का मौका दिया. जरूर नहीं कि रमन ही, कोई भी हो, लेकिन कमल निशान जीतना चाहिए.

रमन सिंह का कहना था कि पार्टी के कार्यकर्ताओं में कोई दुविधा नहीं है. चेहरा न होना कोई कन्फ्यूजन नहीं है, क्योंकि हमारा प्रत्याशी कमल निशान है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि छत्तीसगढ़ में भी बीजेपी पीएम मोदी के चेहरे पर सामूहिक नेतृत्व में चुनाव में उतर सकती है.

राजस्थान में पहले ही साफ हो चुका है कि बीजेपी सामूहिक नेतृत्व में चुनाव मैदान में उतरेगी. वहीं मध्य प्रदेश में आपसी खींचतान के कारण शिवराज के नाम का ऐलान नहीं हो सका है और माना जा रहा है कि यहां भी पार्टी पीएम मोदी के चेहरे पर ही चुनाव लड़ेगी. कुल मिलाकर कहा जाए तो पार्टी पीएम मोदी की लोकप्रियता को भुनाने की पूरी कोशिश करती नजर आ रही है.

छत्तीसगढ़ की बात करें तो रमन सिंह ने बघेल सरकार की योजनाओं पर निशाना साधा और कहा कि ये सरकार बस अखबारों और पोस्टर्स पर दिखती रहेंगी. हकीकत में मोदी सरकार ने 16 लाख आवास दिए लेकिन बघेल सरकार ने लौटा दिए. गरीबों के आवास छिन लिए. पिछले तीन साल में प्रधानमंत्री आवास योजना में एक आवास नहीं बने.

‘छत्तीसगढ़ की पहचान पहले विकास की थी’

रमन सिंह ने दावा किया कि 2003 से 2018 तक बीजेपी की सरकार के समय छत्तीसगढ़ शांति का टापू था और अब बीजेपी फिर से सत्ता में आने जा रही है. डॉक्टर रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ की पहचान विकास के लिए हुआ करती थी, लेकिन उसकी पहचान आज कोयला, चावल घोटाला, ईडी की जांच बन गई है. बीजेपी नेता का दावा है कि पार्टी आगामी चुनावों में जीत दर्ज करेगी.

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हिंदुत्व के सवाल पर कांग्रेस को घेरा

कांग्रेस के हिंदुत्व की पिच पर उतरने के सवाल पर पूर्व सीएम ने कहा कि जिस दल ने राम मंदिर के निर्माण का विरोध किया वह आज राम-राम बोल रही है. इस पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर रामसेतु और राम के अस्तित्व पर सवाल उठाए थे. छत्तीसगढ़ में सांप्रदायिकता की कोई जगह नहीं थी लेकिन कबीरधाम कवर्धा में भगवा ध्वज को पैरों से रौंदा गया. धर्मांतरण के मामले सामने आ रहे हैं और इन सबके लिए भूपेश बघेल जिम्मेदार हैं. बता दें कि छत्तीसगढ़ में पीएम मोदी जातिगत जनगणना के बहाने हिंदुओं के हक की बात कर चुके हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि बीजेपी जाति वाली राजनीति की काट के तौर पर ‘धर्म’ वाले मुद्दे को चुनाव में जोर-शोर से उछाल सकती है.

-भारत एक्सप्रेस

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