ओपी राजभर, सीएम योगी आदित्यनाथ व दारा सिंह चौहान
UP Cabinet: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनावों को लेकर बढ़ी हलचल के बीच एक सवाल सबके जेहन में है कि योगी कैबिनेट का विस्तार क्यों नहीं हो रहा है? सियासी गलियारों में बीजेपी की घोसी उपचुनाव में हुई करारी हार से भी जोड़कर इसे देखा जा रहा है. घोसी उपचुनाव से पहले और उसके बाद, सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर यह दावा कर रहे थे कि वे और दारा सिंह चौहान मंत्री बनेंगे. लेकिन घोसी की हार के बाद दारा सिंह चौहान के मंत्री बनने में पेंच फंस गया. अब उनके पास विधान परिषद के रास्ते ही मंत्री बनने का विकल्प नजर आ रहा है.
दूसरा नाम ओपी राजभर का है, जो लगातार यह दावा करते रहे हैं कि चाहें कुछ भी हो जाए, मंत्री तो वे जरूर बनेंगे. योगी कैबिनेट का विस्तार कब होगा, ये सीएम योगी आदित्यनाथ के मुहर से तय होगा. लेकिन इसके पहले राजभर की मंत्री पद को लेकर बयानबाजी जारी है और इसे मुख्यमंत्री की अथॉरिटी को चुनौती के तौर पर देखा जा रहा है. हालांकि उनके दावे पर सीएम योगी आदित्यनाथ की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई लेकिन डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने जरूर राजभर को नसीहत दे डाली. डिप्टी सीएम ने दो टूक कहा कि कैबिनेट में किसी को शामिल करने का फैसला करना मुख्यमंत्री का अधिकार है. उनका कहना था कि ओम प्रकाश राजभर को इस पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए थी.
बड़बोलापन राजभर को पड़ सकता है भारी!
सीएम योगी आदित्यनाथ ओपी राजभर के बड़बोले बयानों पर पहले भी नाराजगी जता चुके हैं. दूसरी तरफ, घोसी उपचुनाव में जीत के दावे से लेकर मंत्री पद के दावे तक…राजभर सार्वजनिक मंच से लगातार बयान देते रहे हैं. घोसी में दारा सिंह चौहान की हार के कारण राजभर पहले से ही बैकफुट पर आ गए हैं और अब माना जा रहा है कि मंत्री बनने को लेकर बार-बार किए जा रहे उनके दावे इस इंतजार को कहीं बढ़ा न दें.
दारा सिंह चौहान के सामने भी मुश्किलें कम नहीं!
घोसी की हार के बाद दारा सिंह चौहान के सियासी भविष्य को लेकर अलग ही चर्चाएं चल रही हैं. उधर, दिनेश शर्मा के राज्यसभा जाने के बाद ऐसी अटकलें हैं कि उन्हें विधान परिषद की खाली हुई सीट से उच्च सदन भी भेजा जा सकता है. कुछ दिनों पहले ही दारा सिंह चौहान दिल्ली पहुंचे थे, जहां उनकी बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष से मुलाकात हुई थी.
इस मुलाकात के दौरान क्या बातचीत हुई ये तो सामने नहीं आया लेकिन दारा सिंह चौहान के करीबियों को इस बात की उम्मीद जरूर है कि घोसी की हार के बावजूद बीजेपी दारा सिंह चौहान को एक और मौका देगी. लेकिन इस उपचुनाव में चौहान बेल्ट में लीड करने में भी दारा सिंह चौहान नाकाम रहे और यहां सपा आगे रही थी. दूसरी तरफ, उपचुनाव के दौरान दारा सिंह चौहान का भारी विरोध भी हुआ. ये कुछ ऐसी बातें हैं जो दारा सिंह चौहान के लिए मुश्किलें बढ़ा सकती हैं.
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राजभर और दारा सिंह चौहान के सियासी भविष्य को लेकर जारी अटकलों के बीच सीएम योगी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात के बाद यह संकेत मिल रहा है कि यूपी में कैबिनेट विस्तार को लेकर माहौल तो बना हुआ है, लेकिन सीएम योगी इस पर फैसला कब करते हैं, ये देखने वाली बात होगी. वहीं इस बात की चर्चाएं भी जोरों पर हैं कि कैबिनेट विस्तार की स्थिति में सीएम योगी अपने भरोसेमंद चेहरों को जगह दे सकते हैं. लेकिन फिलहाल, कैबिनेट विस्तार कब होगा और कौन-कौन इसमें शामिल होगा, इसको लेकर कुछ पुष्ट जानकारी नहीं निकलकर आई है.
-भारत एक्सप्रेस