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गठबंधन की ढीली गांठ! बनने से पहले ही बिखरता दिख रहा ‘INDIA’ कुनबा

अखिलेश की पार्टी की तरह कांग्रेस भी आक्रामक है.  I.N.D.I.A गठबंधन के अन्य दलों के साथ कांग्रेस का तालमेल नहीं हो पा रहा है.

अखिलेश यादव

अखिलेश यादव

INDIA Alliance: बिहार की राजधानी पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में बड़ी जोर-शोर के साथ जिस विपक्षी गठबंधन की नींव पड़ी थी, पांच राज्यों में चुनाव के बीच वह दरकती दिख रही है. समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. कांग्रेस पर उनका हमला बदस्तूर जारी है. उनके बयानों से लगने लगा है कि विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A उनके दिमाग में दूर-दूर तक नहीं है.

बिखर रहा है इंडिया गठबंधन

कांग्रेस और सपा दोनों ही इस गठबंधन का हिस्सा हैं. अखिलेश के बयान INDIA कुनबे के भविष्य पर सवाल खड़े करने लगे हैं. यह कुनबा बनने से पहले ही बिखरता दिख रहा है. अखिलेश ने रविवार को कांग्रेस को बहुत चालू पार्टी बताया. एक बार फिर सोमवार को मध्‍य प्रदेश में चुनावी रैली के दौरान उन्होंने BJP के साथ कांग्रेस को भी लपेट दिया. उन्होंने दावा किया कि दोनों दलों की सरकारों ने राज्य में भ्रष्टाचार और लूट की है. बीते कुछ समय से सपा प्रमुख कांग्रेस पर ज्यादा हमलावर हो गए हैं. अगले लोकसभा चुनाव के लिए यूपी में सीट शेयरिंग का मुद्दा इसके पीछे बड़ी वजह है. इसे लेकर पेंच फंसा हुआ है. जरा सुनिए कि अखिलेश ने इंडिया गठबंधन को लेकर अब क्या कहा है.

इंडिया गठबंधन के लिए यूपी में 15 सीट छोड़ने को तैयार अखिलेश

बता दें कि अखिलेश पहले ही बोल चुके हैं कि यूपी में सपा सभी सीटों पर लड़ने के लिए तैयार है. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि अगर इंडिया गठबंधन में बात बनी तो वो अन्य दलों के लिए 15 सीट छोड़ने के लिए तैयार हैं. मतलब अखिलेश ने पहले ही डिसाइड कर लिया है कि समाजवादी पार्टी यूपी में कम से कम 65 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.. आइये समझते हैं कि अखिलेश के ऐसे बयानों का क्या मतलब है? वह इतने खफा क्यों हैं?

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अखिलेश क्यों हैं खफा?

इंडिया गठबंधन से अखिलेश यादव कितने खफा हैं वो उनके तेवर से साफ झलक रहा है. पिछले एक महीने से कोई भी ऐसा दिन नहीं जाता जब अखिलेश यादव ने कांग्रेस को आड़े हाथों न लिया हो. इसके लिए ज्यादा पीछे जाने की भी जरूरत नहीं है. रविवार को अखिलेश यादव ने कहा थाै कि अगर आपको राशन के नाम पर कुछ नहीं मिल रहा तो आप भाजपा को वोट क्यों देंगे? कांग्रेस को भी वोट मत देना, यह बहुत चालू पार्टी है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस वोटों के लिए जाति आधारित जनगणना चाहती है. अखिलेश यह भी बोले कि अगर देश में जातीय जनगणना को किसी ने रोका तो वह पार्टी कांग्रेस थी. मंडल कमीशन को रोकने का काम भी कांग्रेस ने ही किया. बीजेपी उसी के रास्ते पर चल रही है.

वहीं सोमवार को तो मानो अखिलेश ने कुछ ऐसा कहा है जिससे ये कयास लगाए जा रहे हैं कि इंडिया गठबंधन बनने से पहले ही बिखर रहा है. अखिलेश के बयानों से लग रहा है कि वो अपने लिए अलग रास्ता इख्तियार कर रहे हैं. सोमवार को अखिलेश ने कहा कि देश को एक नई विचारधारा, एक नई पार्टी और एक नए गठबंधन की जरूरत है. हमें उम्मीद है कि पीडीए गठबंधन बनाएगी और एनडीए और कांग्रेस दोनों हारेंगे.

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा और एक समय सहयोगी रही कांग्रेस पर निशाना साधा और उम्मीद जताई कि 2024 के लोकसभा में पीडीए छत्रछाया के तहत छोटे दलों के गठबंधन से दोनों पार्टियां हार जाएंगी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस समाजवादी को अपने सहयोगी के रूप में नहीं चाहती. वे इंडिया के सहयोगी आम आदमी पार्टी के खिलाफ बोलते रहे हैं. कांग्रेस के पास छोटे दलों के साथ गठबंधन करने और आगे बढ़ने का मौका था लेकिन उन्हें लगता है कि आम लोग उनके साथ खड़े हैं. पीडीए उन्हें करारा जवाब देगा.”

कांग्रेस भी आक्रामक

बता दें कि अखिलेश की पार्टी की तरह कांग्रेस भी आक्रामक है.  I.N.D.I.A गठबंधन के अन्य दलों के साथ कांग्रेस का तालमेल नहीं हो पा रहा है. इतना ही नहीं हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक की जीत के बाद उसके हौसले काफी बुलंद हैं. पार्टी इसके लिए राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को श्रेय दे रही है. पार्टी के नेताओं को लगता है कि राहुल ही हैं जो सही मायनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्‍व को सीधी चुनौती दे सकते हैं. यही कारण है कि विपक्षी गठबंधन की कई दौर की बैठकों के बाद भी गाड़ी सीट शेयरिंग को लेकर अटक गई है.

-भारत एक्सप्रेस

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