दिल्ली पुलिस एकेडमी
दिल्ली पुलिस एकेडमी के पुलिस अफसर, ठेकेदारों और वेंडर्स से मिलकर कमीशन वसूल रहे हैं. इस मामले में दिल्ली पुलिस के कई आला पुलिस अधिकारी भी लिप्त हैं. भ्रष्टाचार के इस गोरखधंधे में एक ACP को मीमो जारी किया गया. मगर हैरानी की बात यह है कि खरीद-फरोख्त में लूट-खसोट की जांच बैठाने के बजाए, पुलिस आयुक्त को इस गोरखधंधे की जानकारी देने वाले DCP को ही उनके पद से हटा दिया गया है. उन्हें हटाने का आदेश विशेष पुलिस आयुक्त मुकेश मीणा की मंजूरी से जारी किया गया. मगर बवाल मचा तो पुलिस आयुक्त ने उसे रद्द करा दिया.
दिल्ली पुलिस एकेडमी में ठेकेदारों और वेंडर्स से मिलकर कमीशन वसूला जा रहा है! एकेडमी के झड़ौदा सेंटर में तैनात एक ACP एकेडमी परिसर से बाहर ठेकेदारों और वेंडर्स के साथ बैठकें कर रहा था. जहां आला अधिकारियों का नाम लेकर उनसे रिश्वत के तौर पर कमीशन की मांग की गई. झड़ौदा एकेडमी के प्रभारी उप निदेशक (DCP) डॉ जी. रामगोपाल नाइक ने इस मामले में DDO के पद पर तैनात ACP को मीमो जारी कर गंभीर चेतावनी दे दी. लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि इसके बाद विशेष पुलिस आयुक्त प्रशिक्षण मुकेश मीणा ने आरोपी ACP के माध्यम से आदेश जारी कराके DCP का ही तबादला करा दिया.
झड़ौदा पुलिस एकेडमी का है मामला
दिल्ली पुलिस अपने जवानों और अफसरों को ट्रेनिंग देने के लिए पुलिस एकेडमी चलाती है. दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त मुकेश मीणा इसके प्रभारी हैं. बीते माह DCP डॉ जी. रामगोपाल नाइक को झड़ौदा पुलिस एकेडमी के उप निदेशक (प्रशासन) के पद पर नियुक्त किया गया था. बीते साल 27 सितंबर को फंक्शनल रैंक के ACP ऋतु राज को इसी एकेडमी में DDO के पद पर तैनात किया गया था. इन्हीं ACP ऋतु राज पर ठेकेदारों और वेंडरों से कमीशन मांगने का आरोप है.
DCP ने दिया मीमो
15 फरवरी को DCP डॉ जी. रामगोपाल नाइक ने DDO के पद पर तैनात ACP ऋतु राज को एडवाइजरी मीमो जारी किया था. इसमें आरोप लगाया गया था कि ACP ने एकेडमी परिसर से बाहर ठेकेदारों और वेंडर्स के साथ मुलाकात की. जहां उन्होंने ठेकेदारों और वेंडर्स से आला पुलिस अधिकारियों का नाम लेकर कमीशन के तौर पर रिश्वत मांगी. उनकी भ्रष्टाचार संबंधी संदिग्ध गतिविधियों के लिए उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई. साथ ही हिदायत दी गई कि वह ऐसी गतिविधियों से दूर रहें. इसी के साथ यह मीमो ACP की व्यक्तिगत फाइल में रिकार्ड करा दिया गया.
DCP का लेटर-बम सुर्ख़ियों में
गंभीर आरोपों में ACP को मीमो देने के तुरंत बाद DCP डॉ जी. रामगोपाल नाइक ने 15 फ़रवरी को ही पुलिस आयुक्त को भी इसकी सूचना देते हुए पत्र लिख दिया. जिसमे लिखा है कि पिछले कुछ समय में एकेडमी में बड़े पैमाने पर सिविल और छोटे-छोटे काम हुए हैं. जिनमें ठेकेदारों और वेंडरों ने अनिवार्य नियमों और प्रक्रिया का पालन नहीं किया और इनकी जानकारी उन्हें भी नहीं दी गई. आरोप यह भी लगाया गया है कि “कुछ आला अधिकारियों के निर्देश पर” ठेकेदारों और वेंडर्स ने अभी तक उन्हें अनुमानित लागत की जानकारी तक नहीं दी है. करोड़ों रुपए के इन कार्यों में सरकार को भी चुना लगाया गया है. पत्र की प्रतियां विशेष पुलिस आयुक्त सतर्कता और विशेष पुलिस आयुक्त फाइनेंस डिवीजन को भी भेजी गई है. DCP का यह लेटर-बम महकमे में चर्चा का विषय बना हुआ है.
आयुक्त के आदेश की अवहेलना
DCP डॉ जी. रामगोपाल नाइक ने एक अन्य पत्र लिखकर खुद पुलिस आयुक्त के आदेशों का उल्लंघन करने का भी आरोप लगाया है. दरअसल 10 जनवरी को पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने सर्कुलर जारी कर अहम पदों पर फंक्शनल रैंक के अफसरों को तैनात नहीं करने का आदेश दिया था. ऐसे में फंक्शनल रैंक के ACP ऋतु राज की DDO जैसे संवेदनशील पद पर तैनाती को लेकर सवाल उठाया गया है.
विशेष आयुक्त के फैसले पर सवाल
करोड़ों रुपए के सरकारी कामों में कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों की जांच कराने के बजाए विशेष पुलिस आयुक्त मुकेश मीणा ने अगले ही दिन DCP डॉ जी. रामगोपाल नाइक को उनके पद से हटा दिया. हैरानी की बात है कि यह आदेश आरोपी ACP ऋतुराज ने जारी किया था. जिसे लेकर पुलिस मुख्यालय से लेकर अन्य अफसरों तक में हैरानी जताई गई. मगर 17 फरवरी को पुलिस आयुक्त की नाराजगी के चलते इस आदेश पर रोक लगा दी गई.
मुकेश मीणा पर भी लगे थे आरोप
भ्रष्टाचार के मामले में आरोपों की जांच कराने के बजाए DCP का तबादला कराने वाले विशेष पुलिस आयुक्त मुकेश मीणा पर भी पुलिस ट्रेनिंग कालेज झड़ौदा में हुई खरीद फरोख्त में गड़बड़ी के आरोप लग चुके हैं. मीणा उस समय यहां प्रिंसिपल के तौर पर तैनात थे. मगर केंद्र और दिल्ली सरकार में अधिकारों के मुद्दे पर चल रही नूरा कुश्ती के कारण केंद्र ने दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र का मुद्दा उठाते हुए किसी भी तरह की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी.
कौन है ACP ऋतुराज
ऋतु राज और नीरज कुमार दिल्ली पुलिस में बतौर SI पर आए थे. बाद में दोनों पुलिस काडर का ही हिस्सा बन गए. सूत्रों की माने तो इनका रसूख इतना था कि सीधे गृह मंत्रालय के हस्तक्षेप से इनकी नियुक्ति होती थी. बीते साल नीरज कुमार को एक्साइज विभाग में तैनात करने के लिए दिल्ली सरकार में अडिशनल चीफ सेक्रेटरी के पद पर तैनात रहे एक विवादित अधिकारी ने नियमों को ताक पर रख दिया था. मगर वर्तमान LG सचिवालय ने अगस्त 2022 में उसे एक्साइज विभाग से हटवा दिया था. ऋतु राज भी दिल्ली पुलिस के साकेत, सरोजनी नगर, वसंत कुंज और कोतवाली जैसे थानों में SHO तैनात रहा है. मगर अक्तूबर 2021 में तत्कालीन पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने इसका तबादला पीटीसी झड़ौदा कर दिया था.
-भारत एक्सप्रेस
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