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Delhi Airport: फेल हो गया है एयरपोर्ट का पूरा प्रबंधन, सरकार बनी मूक दर्शक

IGI Airport: दिल्ली एयरपोर्ट देश का सबसे व्यस्ततम एयरपोर्ट है. यहां हर दिन 1100 से अधिक उड़ानों का संचालन होता है. इस एयरपोर्ट के तीन टर्मिनलों में से एक T-3 सबसे अधिक व्यस्त टर्मिनल है.

Delhi Airport

दिल्ली एयरपोर्ट

Delhi Airport: देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कुछ भी सामान्य नहीं है. फेल हुए हवाई अड्डा प्रबंधन के कारण यात्रियों को हवाई अड्डे में प्रवेश करने के लिए लम्बी लाइनों में लगना पड़ रहा है. इमिग्रेशन काउंटर पर बदहाली और स्टाफ की तथाकथित लचर कार्यशैली की भी शिकायतें सामने आ रही हैं. हैरानी की बात है कि जिन गंतव्यों को सड़क मार्ग से चार से पांच घंटे में पूरा किया जा सकता है, वहां जाने के लिए यात्रियों को तीन से चार घंटे पहले एयरपोर्ट पहुंचने की सलाह दी जा रही है.

बढ़ रही यात्रियों की भीड़

पिछले काफी दिनों से दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल 3 पर भारी भीड़ की शिकायतें आ रही हैं. प्रबंधन द्वारा शिकायतों का ठीक से निवारण नहीं किए जाने के बाद यात्री सोशल मीडिया पर सामने आने वाली परेशानी के लिए सरकार को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं. हालत इस कदर बदतर हो गए हैं कि समय से एयरपोर्ट पहुंचने के बावजूद कई यात्रियों की फ्लाइट मिस हो गई.

एयरपोर्ट पहुंचे नागरिक उड्डयन मंत्री

लगातार हो रही फजीहत के बाद सोमवार को केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया खुद एयरपोर्ट पहुंचे. सरकार ने बयान जारी कर कहा है कि दिल्ली एयरपोर्ट पर भारी भीड़ इसलिए हो गई, क्योंकि कई चेक इन काउंटर्स पर स्टाफ मौजूद नहीं था. कई जगह ड्यूटी के समय स्टाफ अपनी सीट पर मौजूद नहीं था. इसी कारण चेक-इन प्रोसेस में देरी होने लगी और भीड़ जमा हो गई.

व्यस्ततम एयरपोर्ट है IGIIA

दिल्ली एयरपोर्ट देश का सबसे व्यस्ततम एयरपोर्ट है. यहां हर दिन 1100 से अधिक उड़ानों का संचालन होता है. इस एयरपोर्ट के तीन टर्मिनलों में से एक T-3 सबसे अधिक व्यस्त टर्मिनल है. अब दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड ने एक बयान में कहा है कि फिलहाल यहां उड़ानों की संख्या कम करने के लिए काम किया जा रहा है. एयर लाइंस से बात करके कई फ्लाइट्स को T-1 और T-2 शिफ्ट किया जा सकता है.

कौन है जिम्मेदार

एयरपोर्ट पर भीड़भाड़ के प्रमुख कारणों में से सबसे बड़ी लापरवाही एंट्री गेट पर कर्मचारियों की कमी और खराब मैनेजमेंट को माना जा रहा है. एंट्री गेट पर अनिवार्य आईडी जांच और टिकट जांच की जाती है, जहां हवाई अड्डे के अंदर जाने के लिए लंबी-लंबी लाइनें लग रही हैं. पीक आवर्स के दौरान लगातार लंबी कतारें अव्यवस्था का कारण बनती हैं, जिसके चलते कई यात्रियों की फ्लाइट छूट जाती है.

साढ़े तीन घंटे पहले आएं

कई एयर लाइन्स ने अपनी व्यवस्था दुरुस्त करने के बजाए यात्रियों को सलाह दी है कि वह घरेलू उड़ान के लिए भी कम से कम साढ़े तीन घंटे पहले एयरपोर्ट पर पहुंच जाएं. ऐसे में जिन स्थानों जैसे जयपुर, चंडीगढ़, लखनऊ, देहरादून तक दिल्ली से सड़क मार्ग के लिए तीन से पांच घंटे में सफर तय किया जा सकता है वहां के लिए भी यात्रियों को गंतव्य तक पहुँचने में छह से सात घंटे का समय लग रहा है.

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नहीं की जा रही कड़ी कार्रवाई

ऐसे में जिम्मेदार अधिकारियों या कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के बजाए सरकार सुझाव देकर अपना पल्ला झाड़ रही है. नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सुझाव दिया कि वेटिंग टाइम के अपडेट को रियल टाइम में सोशल मीडिया पर पोस्ट किया जाए. उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट पर भीड़ से निपटने के लिए सुबह पीक आवर्स में उड़ानें कम की जाएंगी और कुछ उड़ानों को टर्मिनल 3 से ट्रांसफर करने का भी प्रयास किया जाएगा. पीक आवर्स सुबह पांच से नौ बजे और शाम को चार से आठ बजे तक माना जाता है.

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