Bharat Express

Ishana Sharma




भारत एक्सप्रेस


महिलाओं के अधिकारों की वकालत करना सभी का कर्तव्य है, चाहे वह स्त्रीवादी हो या नहीं. साथ ही यह सुनिश्चित करना भी जरूरी है कि पुरुषों को उनके पूर्वजों के गलत कार्यों के लिए प्रताड़ित न किया जाए.

छोटे या बड़े स्तर के सभी युद्ध और संघर्षों का सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और मानवीय मोर्चे पर चौतरफा नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. इसका खामियाजा सबसे अधिक कमजोर समुदाय को भुगतना पड़ता है.

सरकार में भ्रष्टाचार, जिसमें ग्राहकवाद और क्रोनियम शामिल है, महिलाओं को जीबीवी के मामलों की रिपोर्ट करने से रोकता है, जिससे दोषियों को खुलेआम घूमने और बरी होने का मौका मिलता है.

ईरान में महसा अमीनी की हत्या के बाद से ही महिलाओं के अधिकारों की चर्चा होने लगी है और इसके लिए एक मिलियन सिग्नेचर का अभियान भी चला था.

China Covid Cases: हांगकांग और साउथ कोरिया में भी ऐसा ही हुआ. उन्होंने भी बेहद कठोर नीतियां लागू कीं लेकिन ओमिक्रॉन वेरिएंट ने हजारों लोगों को संक्रमित किया और सैकड़ों लोगों की जान ले ली.