उपेन्द्र राय, सीएमडी / एडिटर-इन-चीफ, भारत एक्सप्रेस
भारत एक्सप्रेस
मोदी की गारंटी विपक्ष के लिए खतरे की घंटी
तीनों राज्यों में स्पष्ट बहुमत के साथ मिली जीत में कई स्थानीय कारणों की भी हिस्सेदारी है, लेकिन इसका केन्द्रीय तत्व निश्चित ही प्रधानमंत्री की लोकप्रियता और उनके प्रति मतदाताओं का अटूट विश्वास है।
इन 4 कारणों से नई ऊंचाइयों पर पहुंचा अडानी ग्रुप का मार्केट कैप
अडानी ग्रुप का बाजार पूंजीकरण गुरुवार, 7 दिसंबर को 7-7 प्रतिशत बढ़कर 15.14 लाख करोड़ हो गया. शुक्रवार को शेयर मार्केट बंद होने पर ग्रुप का मार्केट कैप 11.02 लाख करोड़ था.
‘आकांक्षाओं को पूरा करने पर ध्यान दें, PM मोदी को बदनाम करने पर नही’, विधानसभा चुनाव नतीजों में वोटर्स का राहुल को सबक
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में आए चुनाव परिणाम इस बात की ओर संकेत देते हैं कि विपक्ष को केवल पीएम मोदी का विरोध करने पर सफलता मिलना बेहद मुश्किल है.
स्वार्थ का संग्राम, दुनिया करे त्राहिमाम
भारत, पश्चिम एशिया और यूरोप के बीच व्यापार को बढ़ावा देने के लिए भारत की अध्यक्षता में जी-20 के देशों ने इंडिया मिडिल ईस्ट इकॉनमिक कॉरिडोर की पहल की है।
प्रदूषण पर चर्चा नहीं एक्शन चाहिए, नहीं जागे तो पछताएंगे
वायु प्रदूषण के कारण एक नहीं, अनेक हैं। सिर्फ किसान नहीं, उद्योग-धंधे और हमारे जीवन-स्तर में आया बदलाव इसके लिए जिम्मेदार हैं।
इजरायल-हमास जंग: भारत क्यों रहे सावधान?
इजरायल-हमास के नाम पर संघर्ष आगे बढ़ने पर यह तय दिखता है कि भारत या तो तटस्थ रहेगा या फिर इजरायल के खिलाफ खड़ा नहीं होगा।
आतंक का ‘खजाना’ अनंत
हर बीते दिन के साथ व्यापक हो रहे इजरायल-हमास युद्ध में एक तरफ इजरायल के साथ पश्चिम देश और अमेरिका हैं, तो दूसरी तरफ हमास के हमदर्द ज्यादातर इस्लामिक देश, रूस और चीन हैं।
युद्ध की बेदर्द चाहत, अर्थव्यवस्था पर आफत
सवाल यही है कि क्या जंग की आग में वैश्विक अर्थव्यवस्था की चिता भी जलने वाली है? विश्व बैंक ने तो खतरनाक मंदी के संभावित खतरे का अलर्ट भी जारी कर दिया है।
इजरायल-हमास युद्ध की रक्तपात युक्त राजनीति
सवाल ये है कि अरब देश हमास को कितनी मदद कर पाएंगे? दूसरा ये कि क्या वे खुद इजरायल-अमेरिका-यूरोपीय यूनियन की तिकड़ी से बच पाएंगे?
गाजा में कराहती मानवता
बेशक ये सारी आपत्तियां महत्वपूर्ण हैं और इन्हें बिल्कुल भी नजरंदाज नहीं किया जा सकता। लेकिन इस वक्त इससे ज्यादा जरूरी यह है कि उन लाखों जिंदगियों को बचाया जाए जो किसी और की गलती की सजा भुगत रही हैं।