Bharat Express

विनीत नारायण, वरिष्ठ पत्रकार




भारत एक्सप्रेस


दूसरी तरफ़ हर पर्यावरणविद् मानता है कि पारंपरिक जलाशयों को सुधार कर उनकी जल संचय क्षमता को बढ़ा कर और सघन वृक्षावली तैयार करके मौसम के मिज़ाज को कुछ हद तक बदला भी जा सकता है।

दावा तो हर राजनैतिक दल यही करता है कि वो एक ईमानदार सरकार देगा पर सत्ता में आते ही हर दल भ्रष्टाचार में आकंठ डूब जाता है.

भारतीय समाज और संविधान की यही विशेषता है कि वो हर बालिग नागरिक को उसकी इच्छा के अनुसार जीवन जीने की छूट देता है. स्वरा और फहाद ने इसी छूट का लाभ उठाकर अपने वैवाहिक जीवन का फैसला लिया है तो इस पर इतना विवाद क्यों?

श्रीराम मंदिर निर्माण की पूरी यात्रा भाजपा की सत्तालोलुपता से गुथी रही है. पिछले तीन दशकों में भाजपा और संघ परिवार ने नये-नये शगूफे छोड़ कर हिंदू भावनाओं को भड़काने और वोट भुनाने का बार-बार काम किया है.

मथुरा में काम कर रही संस्था द ब्रज फ़ाउंडेशन ने पिछले बीस वर्षों में पौराणिक व धार्मिक महत्व वाली दर्जनों श्रीकृष्ण लीला स्थलियों का जीर्णोद्धार और संरक्षण किया है.

ब्रजवासियों को यह चिंता है कि वृंदावन में तीर्थ विकास के नाम पर सरकार हजारों करोड़ रुपये की जिन योजनाओं की घोषणाएँ कर रही है उनका संतों, भक्तों, तीर्थयात्रियों व ब्रजवासियों को कोई लाभ नहीं मिलेगा.

चिंता की बात यह है कि सरकार चाहे यूपीए की हो या एनडीए की वो कभी पर्यावरणवादियों की सलाह को महत्व नहीं देती. पर्यावरण के नाम पर मंत्रालय, एनजीटी और अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन सब कागजी खानापूर्ति करने के लिए हैं.

उल्लेखनीय है कि जब 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या की गई थी तो संघ के बड़े नेता नानाजी देशमुख ने कांग्रेस के प्रति सहानुभूति जताई थी.

आंकड़ों के अनुसार 2021 में दोनों देशों के बीच आपसी कारोबार125 अरब डॉलर के पार चला गया था। इस आँकड़े में चीन से होने वाला आयात करीब 100 अरब डॉलर का है।

चीन में कोविड की नई लहर आने के पीछे वहाँ के बुरे प्रबंधन और वैक्सीन की गुणवत्ता है. यदि समय रहते चीन ने इस महामारी का सही से प्रबंधन किया होता तो यह प्रकोप दुनिया भर में नहीं फैलता.