Bharat Express

विनीत नारायण, वरिष्ठ पत्रकार




भारत एक्सप्रेस


सवाल बिल्कुल जायज है. क्या ऐसा नहीं है कि देश के साथ अनेक मोर्चों पर गद्दारी करने वालों में विभिन्न प्रांतों के अनेक हिन्दू ही शामिल रहे हैं तो फिर ऐसी अपेक्षा मुसलमानों से ही क्यों?

Employment Oriented Education: आय दिन अख़बारों में पढ़ने में आता है जिसमें देश में चपरासी की नौकरी के लिए लाखों ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट, बी.टेक व एमबीए जैसी डिग्री धारकों की दुर्दशा का वर्णन किया जाता है.

How Country Become Crime Free: सच्चाई तो ये है कि जितने अपराध होते हैं, उसके नगण्य मामले पुलिस के रजिस्टरों में दर्ज होते हैं। ज्यादातर अपराध प्रकाश में ही नहीं आने दिये जाते. फिर गुड गवर्नेंस कैसे सुनिश्चित होगी?

Festivals Controversy: बीते कुछ वर्षों में यह देखा गया है कि जब भी कोई त्योहार आता है तो उसकी स्थिति को लेकर काफ़ी विवाद पैदा हो जाते हैं। इन विवादों को बढ़ावा देने में सोशल मीडिया की भूमिका को भी अनदेखा नहीं किया जा सकता

जून 2024 के चुनाव परिणामों के बाद राहुल गांधी का ग्राफ काफ़ी बढ़ गया है। बेशक इसके लिए उन्होंने लम्बा संघर्ष किया और भारत के आधुनिक इतिहास में शायद सबसे लम्बी पदयात्रा की.

क्या वजह है कि बलात्कार की एक घटना पर तो मीडिया और राजनीति में इतना बवाल मचता है और दूसरे हजारों इससे बड़े मामलों की बड़ी आसानी से अनदेखी कर दी जाती है.

पंजाब में एक युवा अपनी प्रेमिका को भगा करे ले गया तो उसकी प्रेमिका के घरवालों ने उस युवक की बहन के साथ सामूहिक बलात्कार किया।

शेख़ हसीना द्वारा प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन ‘जमात-ए-इस्लामी’ हाल में सेना के साथ सरकार बनाने की बातचीत करने वाली टीम का महत्वपूर्ण हिस्सा था.

जब तक संसदीय कार्यवाही का टीवी पर प्रसारण नहीं होता था, तब तक देश की जनता को यह पता ही नहीं चलता था कि उनके चुने हुए प्रतिनिधि संसद में कैसा व्यवहार कर रहे हैं?

हजारों पेड़ों की इस कदर निर्मम कटाई से क्षेत्र की पारिस्थितिकी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. तापमान में वृद्धि जारी रहेगी, बारिश का पैटर्न भी बाधित होगा और हवा और भी जहरीली हो जाएगी.