

वाराणसी, 08 मार्च 2025: महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य से अदाणी फाउंडेशन की पहल ने वाराणसी के सेवापुरी क्षेत्र में ग्रामीण महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के प्रयास में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. यह प्रयास अदाणी कौशल विकास केंद्र (एएसडीसी) के माध्यम से चलाया जा रहा है, जो कई वर्षों से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में योगदान दे रहा है. फाउंडेशन के कार्यों के तहत, महिलाओं को नए कौशल सिखाए जा रहे हैं, जिससे वे आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बन सकें.
अदाणी फाउंडेशन द्वारा स्थापित अदाणी कौशल विकास केंद्र (एएसडीसी) ने वाराणसी के ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को विशेष रूप से सशक्त बनाने के लिए विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों की शुरुआत की है. इस पहल का प्रमुख उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है, ताकि वे अपनी आजीविका को बेहतर तरीके से चला सकें और समाज में अपनी स्थिति को मजबूत कर सकें. फाउंडेशन ने विशेष रूप से महिलाओं को सिलाई, कंप्यूटर प्रशिक्षण और अन्य पेशेवर कौशल में पारंगत करने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं.
महिला सशक्तिकरण की दिशा में प्रभावी पहल
वाराणसी के सेवापुरी में अदाणी फाउंडेशन के तहत महिलाओं को प्राकृतिक उत्पादों के निर्माण में शामिल किया जा रहा है. यहां की महिलाएं गाय के गोबर से यदि बांस की अगरबत्तियाँ बनाने का काम कर रही हैं. इन अगरबत्तियों में कोई रासायनिक तत्व नहीं होते हैं, जिससे पर्यावरण पर सकारात्मक असर पड़ता है. महिलाएं बांस और अन्य प्राकृतिक सामग्रियों का उपयोग कर गंगातिरी और नारी शक्ति ब्रांड के तहत अगरबत्तियाँ बना रही हैं. यह उत्पाद न केवल पर्यावरण को बचाते हैं, बल्कि गौमाता की रक्षा भी करते हैं. इस काम में 300 से अधिक महिलाएं जुड़ी हुई हैं और प्रत्येक महिला महीने में 3,000 से 4,000 रुपये तक कमा रही हैं.
महिलाओं को प्रशिक्षण और संसाधनों की मदद
अदाणी फाउंडेशन ने महिलाओं को बेहतर उत्पाद बनाने के लिए आवश्यक मशीनरी भी मुहैया कराई है. इन मशीनों में लाइजर मशीन, डीवाटरिंग मशीन, स्क्रीन मशीन और मैन्युअल मशीनों का समावेश है, जो महिलाओं के कार्यों को आसान और त्वरित बनाती हैं. इन संसाधनों के जरिए महिलाएं अपने काम में अधिक उत्पादक बन रही हैं और उनके आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है. इस पहल के परिणामस्वरूप महिलाएं अब अपने जीवन को बेहतर बना पाने में सक्षम हो रही हैं.
स्वयं सहायता समूहों का महत्वपूर्ण योगदान
महिला सशक्तिकरण के इस सफर में स्वयं सहायता समूहों का अहम योगदान है. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के तहत महिला समूहों को विभिन्न आर्थिक और सामाजिक संसाधन प्रदान किए जा रहे हैं. यह समूह न केवल महिलाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण दे रहे हैं, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए मदद भी कर रहे हैं.
इसके अतिरिक्त, फाउंडेशन ने स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन के लिए भी कई कदम उठाए हैं, ताकि ग्रामीण महिलाएं शहरों की ओर पलायन करने के बजाय अपने घरों में रहकर काम कर सकें.
कौशल विकास से डिजिटल वर्ल्ड में कदम
अदाणी कौशल विकास केंद्र के माध्यम से महिलाओं को डिजिटल दुनिया में भी कदम रखने का अवसर मिल रहा है. उन्हें डेटा प्रोसेसिंग, मार्केटिंग, कस्टमर सपोर्ट और अन्य तकनीकी प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं, जिससे वे डिजिटल अर्थव्यवस्था का हिस्सा बन सकें. यह पहल महिलाओं को ऑनलाइन कार्यों में सक्षम बनाकर उन्हें एक नया दृष्टिकोण देती है, जिससे वे समाज में अपनी भूमिका को और प्रभावी तरीके से निभा सकें.
महिलाओं के प्रति अदाणी फाउंडेशन का समर्पण
अदाणी फाउंडेशन का यह प्रयास महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में दूरगामी प्रभाव छोड़ने का लक्ष्य रखता है. फाउंडेशन का उद्देश्य केवल महिलाओं को स्वावलंबी बनाना नहीं, बल्कि उन्हें समाज के विकास में भागीदार बनाना है. फाउंडेशन का यह मिशन देशभर में विस्तार कर चुका है, और यह 19 शहरों के 30 केंद्रों के माध्यम से सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में 90,000 से अधिक लोगों को लाभ पहुंचा चुका है. इसके साथ ही, फाउंडेशन ने महिलाओं के सशक्तिकरण को और बढ़ावा देने के लिए कई सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों के साथ साझेदारी की है.
अदाणी फाउंडेशन के इस प्रयास ने समाज के कमजोर वर्गों, विशेष रूप से महिलाओं, को सशक्त बनाने में मदद की है. महिलाओं को सशक्त बनाने के साथ-साथ यह पहल उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ा रही है और समाज में उनका स्थान मजबूत कर रही है. इस तरह के कार्यक्रमों से समाज में सकारात्मक बदलाव आ रहा है, और महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही हैं. अदाणी फाउंडेशन का यह प्रयास महिला सशक्तिकरण और सामाजिक बदलाव की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
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