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रिपोर्ट: भारत में व्यापार गतिविधियां नवंबर में 3 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंची, नौकरियों में बढ़त दिसंबर 2005 के बाद से सबसे अधिक

एचएसबीसी में चीफ इंडिया इकोनॉमिस्ट, प्रांजुल भंडारी ने कहा, “सर्विसेज में वृद्धि देखी गई, जबकि मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र अक्टूबर के अंत में पीएमआई रीडिंग में मामूली मंदी के बावजूद उम्मीदों से बेहतर प्रदर्शन करने में कामयाब रहा.”

HSBC Survey: एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, भारत की व्यापार गतिविधियां नवंबर में तीन महीने के उच्चतम स्तर पहुंच गई हैं. इसकी वजह सर्विस सेक्टर और रोजगार सृजन में रिकॉर्ड वृद्धि होना है. एचएसबीसी में चीफ इंडिया इकोनॉमिस्ट, प्रांजुल भंडारी ने कहा, “सर्विसेज में वृद्धि देखी गई, जबकि मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र अक्टूबर के अंत में पीएमआई रीडिंग में मामूली मंदी के बावजूद उम्मीदों से बेहतर प्रदर्शन करने में कामयाब रहा.”

PMI बढ़कर हुआ 59.5

एसएंडपी (S&P) ग्लोबल द्वारा संकलित एचएसबीसी का फ्लैश इंडिया कंपोजिट परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) अक्टूबर में 59.1 से बढ़कर नवंबर में 59.5 हो गया, जो दर्शाता है कि आर्थिक गतिविधि का विस्तार जारी है. जब भी पीएमआई 50 से ऊपर होती है तो यह बढ़त को दर्शाता है. अगर यह 50 से कम होता है तो गिरावट को दिखाता है.

सर्विस सेक्टर के लिए पीएमआई नवंबर में 58.5 से बढ़कर 59.2 हो गया, जो अगस्त के बाद से उच्चतम स्तर है. महीने के दौरान मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में भी विस्तार दर्ज किया गया, लेकिन विकास की गति थोड़ी धीमी रही. इस कारण मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का पीएमआई 57.5 से घटकर 57.3 पर आ गया.

बढ़ती हुई महंगाई चिंता का कारण

रिपोर्ट में बताया गया कि नौकरियों में बढ़त दिसंबर 2005 में सर्वे रिकॉर्ड किए जाने के बाद से सबसे अधिक है. यह आर्थिक स्थिति और उपभोक्ताओं के खर्च करने की क्षमता के लिए एक सकारात्मक संकेत है. हालांकि, बढ़ती हुई महंगाई के कारण चिंताएं बनी हुई हैं.

प्रांजुल भंडारी ने आगे कहा कि मैन्युफैक्चरर्स की ओर से इस्तेमाल किए जाने वाले कच्चे माल के साथ-साथ सर्विस सेक्टर में भोजन और मजदूरी की लागत पर मूल्य दबाव बढ़ रहा है. आरबीआई के नवंबर बुलेटिन के मुताबिक, भारत का निर्यात आउटलुक सकारात्मक है. इसकी वजह मुख्य मैन्युफैक्चरिंग उत्पादों के वैश्विक व्यापार में देश की हिस्सेदारी बढ़ना है.

-भारत एक्सप्रेस



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