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गौतम अडानी ने अमेरिका में ऊर्जा और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए 10 अरब डॉलर देने की प्रतिबद्धता जताई

भारत और अमेरिका के बीच गहरी होती साझेदारी को स्वीकार करते हुए अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी ने कहा कि समूह अमेरिका में बड़े पैमाने पर निवेश करने के लिए अपनी वैश्विक विशेषज्ञता का लाभ उठाने के लिए भी प्रतिबद्ध है.

अडानी समूह (Adani Group) के चेयरमैन गौतम अडानी (Gautam Adani) ने बुधवार को कहा कि समूह अमेरिका में ऊर्जा सुरक्षा और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में 10 अरब डॉलर का निवेश करेगा, जिसका लक्ष्य अमेरिका में 15,000 नौकरियां पैदा करना है.

भारत (India) और अमेरिका (America) के बीच गहरी होती साझेदारी को स्वीकार करते हुए अडानी ने कहा कि समूह अमेरिका में बड़े पैमाने पर निवेश करने के लिए अपनी वैश्विक विशेषज्ञता का लाभ उठाने के लिए भी प्रतिबद्ध है.

अरबपति व्यवसायी डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने हाल ही में अपनी प्रतिद्वंद्वी डेमोक्रेट कमला हैरिस (Kamala Harris) को हराकर अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में शानदार वापसी की है. भारत में ट्रंप की जीत को सकारात्मकता के साथ देखा गया, हालांकि उनकी संरक्षणवादी नीतियों को लेकर कुछ चिंताएं हैं, जिसके कारण भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ लगाया जा सकता है.

15 हजार नौ​करियां

गौतम अडानी ने सोशल साइट X पर पोस्ट में कहा, ‘डोनाल्ड ट्रंप को बधाई. जैसे-जैसे भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी गहरी होती जा रही है, अडानी समूह अपनी वैश्विक विशेषज्ञता का लाभ उठाने और अमेरिकी ऊर्जा सुरक्षा और लचीली बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में 10 अरब डॉलर का निवेश करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसका लक्ष्य 15,000 नौकरियां पैदा करना है.’

अडानी ने पिछले सप्ताह ट्रंप को अमेरिकी चुनाव में उनकी शानदार जीत के लिए बधाई देते हुए कहा था कि यह देखना दिलचस्प है कि अमेरिका का लोकतंत्र अपने लोगों को सशक्त बना रहा है और देश के संस्थापक सिद्धांतों को कायम रख रहा है.

भारत-अमेरिका साझेदारी

बीते सितंबर में अमेरिकी ऊर्जा सचिव जेनिफर ग्रानहोम और केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी द्वारा वॉशिंगटन डीसी में आयोजित भारत और अमेरिका सामरिक स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी (एससीईपी) मंत्रिस्तरीय बैठक के अनुसार, ऊर्जा व्यापार दोनों देशों की राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को समर्थन देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.

मंत्रियों ने उभरती हुई स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के विकास और तैनाती में तेजी लाने, नवीकरणीय ऊर्जा की तैनाती और विश्वसनीय ग्रिड एकीकरण को आगे बढ़ाने, ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने और उद्योग, भवन और परिवहन जैसे उच्च-उत्सर्जन वाले क्षेत्रों के डीकार्बोनाइजेशन को आगे बढ़ाने के लिए दोनों देशों द्वारा की गई प्रगति को मान्यता दी.

-भारत एक्सप्रेस

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