

गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (गिफ्ट सिटी) भारत में फैमिली ऑफिसेस के लिए शीर्ष वित्तीय केंद्र के रूप में उभर रहा है, जो भारत के जटिल नियामक ढांचे को नेविगेट करने में मददगार साबित हो रहा है.
हाल ही में जूलियस बेयर और ईवाई द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, गिफ्ट सिटी की विशेष कर-लाभ और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवाओं के लिए अनुकूल माहौल ने इसे वैश्विक परिवार कार्यालयों के लिए आकर्षक बना दिया है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के लगभग आधे परिवार कार्यालय नई या बदलती कर नीतियों को अपनी प्रमुख चिंता मानते हैं, जबकि एक तिहाई से अधिक क्रॉस-बॉर्डर निवेश और नियामक अनिश्चितता से परेशान हैं. गिफ्ट सिटी इन चुनौतियों से निपटने के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करता है.
कर रणनीति और नियामक लाभ
रिपोर्ट के अनुसार, कई परिवार कार्यालय अपनी कर रणनीति को अनुकूलित कर रहे हैं, जैसे कि कानूनी ढांचे का चयन और संपत्ति वितरण को ठीक करना, ताकि दीर्घकालिक रिटर्न सुनिश्चित हो सके. जूलियस बेयर-ईवाई की रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि कर प्रभावों की जागरूकता परिवार कार्यालयों द्वारा टिकाऊ निवेश पोर्टफोलियो बनाने में केंद्रीय भूमिका निभाती है. गिफ्ट सिटी को भारत का पहला अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (IFSC) होने का गौरव प्राप्त है, जहां विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) लाभों के साथ कर छूट भी उपलब्ध हैं. इससे उच्च-निवल मूल्य वाले परिवारों को वैश्विक बाजारों तक पहुंचने में आसानी हो रही है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि गिफ्ट सिटी में परिवार निवेश कोष (FIFs) के लिए व्यापक ढांचा और विदेशी मुद्रा प्रावधान इसे और आकर्षक बनाते हैं.
वित्तीय नवाचार, निवेश का प्रमुख केंद्र
हालांकि, गिफ्ट सिटी में परिवार कार्यालयों की वृद्धि बढ़ती नियामक जटिलताओं से प्रभावित हो रही है. विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इन चुनौतियों को प्रभावी ढंग से निपटाया जाए, तो गिफ्ट सिटी न केवल भारत बल्कि वैश्विक स्तर पर वित्तीय केंद्र के रूप में अपनी स्थिति मजबूत कर सकता है. यह शहर 24/7 सुरक्षा और शीर्ष-स्तरीय बुनियादी ढांचे के साथ जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए सामाजिक सुविधाएं भी प्रदान करता है. जूलियस बेयर-ईवाई की रिपोर्ट 1 जुलाई, 2025 को प्रकाशित हुई, और यह दर्शाती है कि गिफ्ट सिटी भविष्य में वित्तीय नवाचार और निवेश के लिए एक प्रमुख केंद्र बन सकता है.
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