
केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने तिरुपति–पकाला–काटपाड़ी सिंगल रेलवे लाइन सेक्शन के दोहरीकरण को मंजूरी दे दी है. यह प्रोजेक्ट लगभग 104 किलोमीटर लंबा होगा और इसकी लागत करीब ₹1,332 करोड़ होगी.
यह रेल खंड आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु की तीन ज़िलों से होकर गुजरेगा. इससे भारतीय रेल नेटवर्क में लगभग 113 किलोमीटर की बढ़ोतरी होगी.
रेल संचालन होगा आसान
दोहरीकरण से रेल मार्ग की क्षमता बढ़ेगी. इससे ट्रेनों की आवाजाही पहले से ज्यादा आसान और तेज़ होगी. रेल सेवाओं की समयबद्धता और विश्वसनीयता भी बेहतर होगी. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यह प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री के “नए भारत” के विजन से जुड़ा है. इससे क्षेत्र के लोगों को रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर मिलेंगे.
यह सेक्शन तिरुमला वेंकटेश्वर मंदिर से जुड़ा हुआ है. इसके अलावा श्रीकालहस्ती शिव मंदिर, कानीपक्कम विनायक मंदिर और चंद्रगिरी किला जैसे प्रमुख धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों को भी रेल से जोड़ता है. इससे देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को सीधी और सुविधाजनक यात्रा मिलेगी.
माल ढुलाई में भी होगा बड़ा सुधार
इस दोहरीकरण परियोजना से करीब 400 गांवों और लगभग 14 लाख लोगों को बेहतर रेल कनेक्टिविटी मिलेगी. यह मार्ग कोयला, सीमेंट, कृषि उत्पाद और अन्य खनिजों के परिवहन के लिए अहम है. परियोजना से मालवाहक ट्रैफिक में हर साल 4 मिलियन टन की बढ़ोतरी होगी.
रेल सेवाएं पर्यावरण के अनुकूल और ऊर्जा दक्ष होती हैं. इस परियोजना से लॉजिस्टिक्स लागत में कमी आएगी. साथ ही, लगभग 4 करोड़ लीटर तेल की बचत और 20 करोड़ किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कटौती होगी. यह एक करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है.
ये भी पढ़ें- प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत 1,600 करोड़ की नई उप-योजना को मिली मंजूरी
-भारत एक्सप्रेस
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.