
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने ‘प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना’ (PMKSY) के तहत एक नई उप-योजना को मंजूरी दे दी है. इस योजना का नाम है — “कमांड एरिया डेवलपमेंट एंड वॉटर मैनेजमेंट” (M-CADWM). यह योजना वर्ष 2025-26 के लिए लागू की जाएगी. इसकी शुरुआती कुल लागत 1,600 करोड़ रुपये तय की गई है.
इस योजना के तहत किसानों को बेहतर सिंचाई सुविधाएं देने पर जोर होगा. इसमें जल प्रबंधन को जल उपयोगकर्ता समितियों (WUS) को सौंपा जाएगा. सिंचाई से जुड़े संसाधनों का संचालन अब ये समितियां करेंगी.
पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर होगी शुरुआत
सरकार इन समितियों को पांच साल तक मदद देगी. उन्हें एफपीओ (FPO) और पैक्स (PACS) जैसे मौजूदा आर्थिक संगठनों से जोड़ा जाएगा. साथ ही, युवाओं को आधुनिक सिंचाई तकनीकों की ओर आकर्षित किया जाएगा ताकि वे खेती को अपनाएं.
योजना की शुरुआत पायलट प्रोजेक्ट के रूप में होगी. यह काम देश के अलग-अलग कृषि-जलवायु क्षेत्रों में किया जाएगा. राज्यों को इसके लिए ‘चैलेंज फंडिंग’ के जरिए मौका दिया जाएगा.
आधुनिक तकनीक से खेतों तक पानी
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इन प्रोजेक्ट्स से मिली सीख के आधार पर अप्रैल 2026 से एक राष्ट्रीय योजना शुरू की जाएगी. यह योजना 16वें वित्त आयोग की अवधि के लिए लागू होगी. इस योजना का मुख्य उद्देश्य है – खेत तक सिंचाई पानी को पहुँचाना, वो भी दबावयुक्त भूमिगत पाइपलाइन के जरिए. इससे 1 हेक्टेयर तक के खेत को जोड़ा जाएगा.
SCADA और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग होगा. इससे जल उपयोग की निगरानी और प्रबंधन किया जाएगा. इससे खेतों में जल उपयोग दक्षता (WUE) बढ़ेगी, उत्पादन और उत्पादकता में इज़ाफा होगा और अंततः किसानों की आमदनी बढ़ेगी.
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-भारत एक्सप्रेस
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