Bharat Express DD Free Dish

PAK के समर्थन में खुलकर उतरा चीन, मुहैया कराए हथियार; तो भारत सरकार ने वहां से आने वाली FDI पर लिया यह फैसला

पाक तनाव और ऑपरेशन सिंदूर के बीच भारत चीनी FDI और ज्वॉइंट वेंचर्स की सख्त जांच करेगा. हायर-JSW जैसे प्रोजेक्ट्स में देरी संभव. चीन का पाक समर्थन और आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई से तनाव बढ़ा.

PM Modi

पीएम मोदी.

Vijay Ram Edited by Vijay Ram

भारत सरकार ने चीनी कंपनियों के कुछ प्रमुख निवेश प्रस्तावों और ज्वॉइंट वेंचर्स की कठोर समीक्षा करने का फैसला किया है, जिसके चलते इन परियोजनाओं में देरी हो सकती है. यह जानकारी एनडीटीवी प्रॉफिट की एक रिपोर्ट में सामने आई है.

यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है, जब भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के दोषियों को सजा देने के लिए पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था. इस कार्रवाई से बौखलाई पाकिस्तानी सेना ने भारतीय सेना पर जवाबी हमला किया, जिसमें चीन ने पाकिस्तान का खुलकर समर्थन किया.

चीन ने न केवल पाकिस्तान को कूटनीतिक समर्थन दिया, बल्कि तुर्की और बांग्लादेश के साथ समन्वय कर सैन्य हार्डवेयर भी उपलब्ध कराया, जिसका उपयोग भारत के खिलाफ किया गया. सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया कि सरकार अब चीनी कंपनियों द्वारा समर्थित प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) प्रस्तावों और ज्वॉइंट वेंचर्स की जांच को और सख्त करेगी.

रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ भारतीय कंपनियां उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजना के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग के लिए चीनी फर्मों के साथ ज्वॉइंट वेंचर की बातचीत कर रही हैं. इन परियोजनाओं में अब देरी की संभावना है. उदाहरण के लिए, चीनी होम अप्लायंस कंपनी हायर, भारतीय जेएसडब्ल्यू ग्रुप के साथ 1,000 करोड़ रुपये के संयुक्त उद्यम की संभावना तलाश रही है, जो अभी सरकार के विचाराधीन है.

चीन से आने वाले FDI पर लगाया प्रतिबंध

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की काउंटर टेररिज्म कमेटी नंबर 1267 में चीन ने लश्कर-ए-तैयबा की शाखा, द रेजिस्टेंस फोर्स का जिक्र करने से रोक दिया, जिसने 22 अप्रैल को पहलगाम हमलों की जिम्मेदारी ली थी.

इससे पहले, अप्रैल 2020 में भारत ने चीन से आने वाले FDI पर प्रतिबंध लगाया था और सभी प्रस्तावों की गहन जांच के बाद ही मंजूरी देने का निर्णय लिया था. राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर चीनी दूरसंचार कंपनियों जैसे हुआवेई और जेडटीई को भारत में 5जी रोलआउट से बाहर रखा गया था.

सरकार ने भारतीय दूरसंचार कंपनियों को सलाह दी थी कि वे अपने नेटवर्क विस्तार के लिए केवल विश्वसनीय और सुरक्षित उपकरणों का उपयोग करें. यह कदम भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने और संभावित खतरों से बचने के लिए उठाया गया है.

ये भी पढ़ें: Akashteer: भारत के पास ‘आकाश’ और S-400 के अलावा ये वायु रक्षा प्रणाली भी है खास, PAK के ड्रोन हमलों से हमें बचाया

-भारत एक्सप्रेस



इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.

Also Read