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अर्थव्यवस्था के प्रमुख सेक्टरों की विकास दर अक्टूबर में रही 3.1 प्रतिशत

भारत के प्रमुख उद्योगों की विकास दर अक्टूबर 2024 में 3.1 प्रतिशत रही, जो सितंबर की 2 प्रतिशत की वृद्धि से अधिक है. कोयला, स्टील, सीमेंट और पेट्रोलियम जैसे उद्योगों में बढ़ोतरी हुई, जबकि कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस उत्पादन में गिरावट दर्ज की गई.

Core sector industries

भारत के प्रमुख सेक्टरों के उद्योगों की विकास दर अक्टूबर में 3.1 प्रतिशत रही है. यह जानकारी वाणिज्य मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को दी गई. प्रमुख उद्योगों में कोयला, बिजली, स्टील और सीमेंट को शामिल किया जाता है. सितंबर की 2 प्रतिशत की वृद्धि के मुकाबले अक्टूबर में प्रमुख उद्योगों की विकास में उछाल दर्ज किया गया है. आठ प्रमुख उद्योगों के सूचकांक (आईसीआई) की संचयी वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से अक्टूबर के बीच पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 4.1 प्रतिशत रही है.

कोयला, स्टील और सीमेंट उत्पादन में वृद्धि

अक्टूबर 2023 की तुलना में अक्टूबर 2024 में कोयला उत्पादन में 7.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई. अक्टूबर 2023 की तुलना में अक्टूबर 2024 में स्टील उत्पादन में 4.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि इसी अवधि में सीमेंट उत्पादन में 3.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई. इसकी वजह बड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स का बनना और कंस्ट्रक्शन गतिविधियों में उछाल आना है.

उर्वरक उत्पादन में 0.4 प्रतिशत की वृद्धि

उर्वरक उत्पादन में भी पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में इस वर्ष अक्टूबर में 0.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. मुख्य उद्योगों के सूचकांक में 19.85 प्रतिशत भार वाले बिजली उत्पादन में अक्टूबर 2023 की तुलना में अक्टूबर 2024 में 0.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई. सूचकांक में 28.04 प्रतिशत भार रखने वाले पेट्रोलियम रिफाइनरी उत्पादन में पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में अक्टूबर, 2024 में 5.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो परिवहन क्षेत्र में आर्थिक गतिविधि के उच्च स्तर को दर्शाता है.

समग्र औद्योगिक विकास का संकेत

अक्टूबर के दौरान कच्चे तेल के उत्पादन में पिछले साल के इसी महीने के मुकाबले 4.8 प्रतिशत की गिरावट आई. वहीं, प्राकृतिक गैस उत्पादन में भी पिछले साल के अक्टूबर के मुकाबले 1.2 प्रतिशत की गिरावट आई. जुलाई 2024 के लिए आईसीआई की अंतिम वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत रही है. आठ प्रमुख उद्योगों की औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में हिस्सेदारी 40 प्रतिशत से अधिक है और इस वजह से यह समग्र औद्योगिक विकास का संकेत देता है.

-भारत एक्सप्रेस



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