प्रतीकात्मक तस्वीर
GST : अब GST चुराने वालों पर विभाग ( GST DEPT ) शिकंजा कसने की तैयारी कर रहा है . GST डिपॉर्टमेंट टैक्स चोरी करने वालों को पकड़ने के लिए नए तरीके आजमाने की तैयारी कर रहा है। अब GST डिपॉर्टमेंट आयकर विभाग ( INCOME TAX DEPT ) से मिलने वाले डेटा को मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स ( MCA ) के डेटा से मिलाएगा. MCA जिन एलएलपी और कंपनियों का संचालन करता है उन सभी की जानकारी अब जीएसटी डिपॉर्टमेंट के साथ शेयर होगी. GST के तहत करीब 1.3 करोड़ रजिस्टर्ड बिजनेस और सर्विस प्रोवाइडर्स आते हैं. मैनुफैक्चरिंग के क्षेतर् में 40 और सर्विस सेक्टर में लॉकडाउन खत्म होने के बाद जीएसटी कलेक्शन में एक साल के अंदर 1.4 लाख करोड़ का इजाफा होने की बात सामने आई है.
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सख्त कदम उठा रहा है विभाग
जीएसटी डिपॉर्टमेंट ( GST Dept ) का कहना है कि डेटा के कंपैरिजन से ऐसे बिजनेस इंस्टीट्यूसंस का पता चलेगा जिन्हें जीएसटी में छूट नहीं मिली है लेकिन वो टैक्स नहीं भर रहे हैं. जीएसटी विभाग ऐसे लोगों से पूछताछ करेगा और टैक्स न भरने के लिए कारण बताने की बात कहेगा.
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लगातार बढ़ रहे GST चोरी के मामले-
विभाग की तरफ से ये भी कहा गया है कि आयकर और GST डिपॉर्टमेंट का डेटा मिलाना पहली सीढ़ी है. इसके बाद दूसरा कदम MCA के डेटा को मिलाना होगा. आपको मालूम हो कि वित्त मंत्रालयके मुताबिक इस साल जीएसटी चोरी करने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है. इस साल टैक्स चोरी ( TAX EVASION ) के 13,492 मामले सामने आए हैं. जबकि बीते साल इनकी संख्या 12,574 और FY21 में इनकी संख्या 12,596 थी.
विभाग जीएसटी ( GST ) चोरी को लेकर काफी सख्त है और इसके लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं. इसका ही नतीजा है कि इस साल पूरे साल जीएसटी कलेक्शन ( GST COLLECTION ) 1.4 लाख करोड़ तक रही. वहीं फरवरी में ये आंकड़ा 1.49 लाख करोड़ था.