
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने विश्व ऑडियो विजुअल एंड एंटरटेनमेंट (वेव) शिखर सम्मेलन से करीब एक महीने पहले स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि भारत को वैश्विक रचनात्मक और सामग्री उद्योगों का केंद्र बनना चाहिए. इसे ‘सामग्री उपमहाद्वीप’ के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है. अप्रैल के पहले सप्ताह में हुई उच्च-स्तरीय रणनीतिक चर्चा में अधिकारियों को ‘ऑरेंज अर्थव्यवस्था’ का लाभ उठाने के लिए पहल तेज करने का निर्देश दिया गया. यह अर्थव्यवस्था मीडिया, मनोरंजन, गेमिंग, डिजिटल सामग्री और गिग इकॉनमी जैसे क्षेत्रों को शामिल करती है. अगले महीने मुंबई में होने वाला वेव शिखर सम्मेलन इस दृष्टिकोण का प्रारंभिक मंच होगा, जो वैश्विक निवेश को आकर्षित करेगा और भारत को रचनात्मक अर्थव्यवस्था में अग्रणी बनाएगा.
ऑरेंज अर्थव्यवस्था का महत्व
‘ऑरेंज अर्थव्यवस्था’ शब्द इंटर-अमेरिकन डेवलपमेंट बैंक की पुस्तक ‘द ऑरेंज इकॉनमी: एन इनफिनिट अपॉर्चुनिटी’ से लिया गया है. नारंगी रंग रचनात्मकता, प्रेरणा, बुद्धिमत्ता और परिवर्तन का प्रतीक है. मंगलवार को दिल्ली में सीएनएन-न्यूज18 राइजिंग भारत शिखर सम्मेलन 2025 को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मनोरंजन उद्योग दिन-ब-दिन बढ़ रहा है और समय के साथ यह और फलेगा-फूलेगा. उन्होंने कहा, “भारत ने फिल्मों, पॉडकास्ट, ओटीटी सीरीज और गेमिंग जैसे क्षेत्रों में शानदार सामग्री बनाई है. यह एक उभरती अर्थव्यवस्था है. सरकार वेव के माध्यम से ऐसे रचनाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए मजबूत तंत्र बनाएगी.” यह पहल भारत को न केवल प्रतिभा आपूर्तिकर्ता, बल्कि सामग्री उत्पादन, नवाचार और निवेश का वैश्विक केंद्र बनाने की दिशा में है.
तकनीक और नीतियों का समर्थन
भारत ने अब तक रचनात्मक अर्थव्यवस्था के लिए संरचनात्मक ढांचे की कमी का सामना किया है, लेकिन पीएमओ का जोर इसे बदलने पर है. सरकार कई मोर्चों पर काम कर रही है. कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) आधारित सामग्री निर्माण और तकनीक के नैतिक उपयोग पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. सूचना और प्रसारण मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बौद्धिक संपदा की सुरक्षा, एआई-जनित गलत सूचना को रोकने और भारतीय रचनाकारों को तकनीक से लाभ सुनिश्चित करने के लिए नीतियां बनाई जा रही हैं. एआई का उपयोग डिजिटल सामग्री की पहुंच बढ़ाने, शिक्षा को समर्थन देने और नए रचनात्मक व्यवसाय मॉडल विकसित करने में भी किया जाएगा.
युवाओं के लिए अनूठी पहल
सरकार युवाओं को आकर्षित करने के लिए नवीन पहल शुरू कर रही है. मंत्रालय ने शास्त्रीय संगीत से लेकर स्थानीय बैंड को बढ़ावा देने, ड्रोन डिजाइनिंग और सामुदायिक रेडियो सिस्टम जैसे विविध रियलिटी शो के लिए प्रतियोगिताओं की शुरुआत की है. एक अधिकारी ने बताया, “ये प्रतियोगिताएं देश के विभिन्न शहरों में कई चरणों में हो रही हैं. अंतिम प्रतियोगी मुंबई में फाइनल राउंड और पुरस्कार समारोह के लिए जाएंगे.” यह पहल न केवल रचनात्मकता को प्रोत्साहित करती है, बल्कि युवाओं को नए अवसर प्रदान करती है.
टियर 2 और टियर 3 शहरों पर जोर
ऑरेंज अर्थव्यवस्था को रोजगार सृजन का एक प्रमुख स्रोत के रूप में देखा जा रहा है. सरकार टियर 2 और टियर 3 शहरों को रचनात्मक क्षेत्र का अगला केंद्र बनाने पर ध्यान दे रही है. स्थानीय डिजिटल सामग्री, एनिमेशन, गेमिंग और ओटीटी उत्पादन केंद्रों पर जोर दिया जा रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह दृष्टिकोण छोटे शहरों से पलायन को कम करेगा, लाखों अवसर पैदा करेगा और रचनात्मक अर्थव्यवस्था को राष्ट्रीय स्तर पर फैलाएगा. मुंबई में एक अत्याधुनिक प्रशिक्षण सुविधा की योजना है, जो अगली पीढ़ी के रचनाकारों को तैयार करेगी.
भारत की सॉफ्ट पावर की रणनीति
वेव शिखर सम्मेलन वैश्विक निवेशकों, नीति निर्माताओं और रचनाकारों को एक मंच पर लाएगा, जो भारत की ऑरेंज अर्थव्यवस्था को आकार देगा. पीएमओ की भूमिका रचनात्मकता को विनियमित करने की नहीं, बल्कि इसे सक्षम बनाने की है. दुबई के विश्व-स्तरीय मीडिया पारिस्थितिकी तंत्र से प्रेरणा लेते हुए, सरकार भारतीय प्रतिभा को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए बुनियादी ढांचा और निवेश प्रदान करने को प्रतिबद्ध है. पीएम मोदी के लिए यह केवल आर्थिक पहल नहीं, बल्कि भारत की सॉफ्ट पावर, डिजिटल भविष्य और वैश्विक रचनात्मक उद्योग में उसकी स्थिति पर एक रणनीतिक दांव है.
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-भारत एक्सप्रेस
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