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भारत और यूएई के बीच व्यापार में 14.76% की बढ़ोतरी, कुल कारोबार 83.64 अरब डॉलर

भारत और यूएई के बीच CEPA लागू होने के बाद 2023-24 में व्यापार 14.76% बढ़कर 83.64 अरब डॉलर पहुंच गया, जिसमें गैर-तेल व्यापार और निवेश में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई.

India-UAE Trade Sees Significant Growth Under CEPA

भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच व्यापार वित्त वर्ष 2023-24 में 14.76% बढ़कर 83.64 अरब डॉलर तक पहुंच गया. यह वृद्धि व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (CEPA) के लागू होने के बाद पहली बार पूरी वित्तीय अवधि में दर्ज की गई है. यह जानकारी यूएई-इंडिया CEPA काउंसिल की वार्षिक रिपोर्ट में दी गई है.

रिपोर्ट के अनुसार, भारत से यूएई को किए गए निर्यात में 27.03% की बढ़ोतरी हुई, जबकि यूएई से भारत आने वाले सामानों का निर्यात 7.09% बढ़ा. CEPA, जो 1 मई 2022 से लागू हुआ, ने व्यापार बाधाओं को कम किया और कारोबार को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाई.

भारत-यूएई व्यापार के ऐतिहासिक आंकड़े

1970 के दशक में भारत और यूएई के बीच व्यापार महज 180 मिलियन डॉलर का था. आज यूएई, अमेरिका और चीन के बाद भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बन चुका है. इसके अलावा, यूएई भारत का दूसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य भी बन गया है.

खाद्य सुरक्षा में नई साझेदारी

भारत और यूएई के बीच खाद्य सुरक्षा एक महत्वपूर्ण क्षेत्र बनकर उभरा है. यूएई भारत में 2 अरब डॉलर से अधिक का निवेश कर एकीकृत फूड पार्क स्थापित कर रहा है. इसके अलावा, 7 अरब डॉलर की लागत से ‘यूएई-इंडिया फूड सिक्योरिटी कॉरिडोर’ बनाया जा रहा है. इस पहल के तहत कृषि क्षेत्र में अत्याधुनिक तकनीकों को अपनाया जाएगा, जिससे क्षेत्रीय और वैश्विक खाद्य आपूर्ति श्रृंखला मजबूत होगी.

गैर-तेल व्यापार में 20% की बढ़ोतरी

2023-24 में भारत और यूएई के गैर-तेल व्यापार में 20.1% की वृद्धि हुई, जो 49.73 अरब डॉलर से बढ़कर 59.72 अरब डॉलर हो गया. इस दौरान, भारतीय कंपनियों ने यूएई में 1.16 अरब डॉलर का निवेश किया. यह निवेश प्रौद्योगिकी से लेकर लॉजिस्टिक्स जैसे विभिन्न क्षेत्रों में किया गया. दूसरी ओर, यूएई भारत का चौथा सबसे बड़ा विदेशी निवेशक बना, जिसने 3.35 अरब डॉलर का निवेश उच्च संभावनाओं वाले क्षेत्रों में किया.

यूएई-इंडिया CEPA काउंसिल की भूमिका

2024 में लॉन्च हुई यूएई-इंडिया CEPA काउंसिल दोनों देशों की सरकारों द्वारा समर्थित एक द्विपक्षीय संस्था है. इसका उद्देश्य भारत और यूएई के बीच निवेश और व्यापार को और बढ़ावा देना है. काउंसिल स्टार्टअप्स, महिला उद्यमिता, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) और सेवा क्षेत्र में सहयोग को प्राथमिकता देगी.

भारत और यूएई के बीच यह बढ़ता व्यापारिक रिश्ता दोनों देशों के आर्थिक विकास को मजबूती देगा और वैश्विक बाजार में उनकी स्थिति को और मजबूत करेगा.

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-भारत एक्सप्रेस 



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