सांकेतिक तस्वीर
कोयला मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, भारत का कुल कोयला उत्पादन दिसंबर 2024 के दौरान 5.33 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज करते हुए 97.94 मिलियन टन (एमटी) पर पहुंच गया, जबकि पिछले साल के इसी महीने में यह 92.98 मिलियन टन था. कैप्टिव और दूसरी खदानों ने 18.95 मिलियन टन उत्पादन किया, जो पिछले साल की इसी अवधि में 14.62 मिलियन टन की तुलना में 29.61 प्रतिशत की शानदार वृद्धि को दर्शाता है.
बयान में कहा गया है कि 24 दिसंबर तक क्यूमलेटिव कोयला उत्पादन में भी शानदार वृद्धि देखी गई, जो वित्त वर्ष 2024-25 में 726.29 मिलियन टन तक पहुंच गया, जबकि यह वित्त वर्ष 2023-24 की इसी अवधि के दौरान 684.45 मिलियन टन था, जो 6.11 की वृद्धि दर्शाता है.
कोयला डिस्पैच
कोयला डिस्पैच के मामले में 24 दिसंबर के आंकड़े बढ़कर 92.59 मीट्रिक टन हो गए, जबकि दिसंबर 2023 में यह 87.06 मीट्रिक टन था, जो 6.36 प्रतिशत की वृद्धि दर है. कैप्टिव और दूसरे खदानों से डिस्पैच 18.13 मीट्रिक टन रहा, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 31.83 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है. इसके अतिरिक्त दिसंबर 2024 तक क्यूमलेटिव कोयला डिस्पैच वित्त वर्ष 2024-25 में 750.75 मीट्रिक टन तक पहुंच गया, जबकि वित्त वर्ष 2023-24 में यह 711.07 मीट्रिक टन था, जो 5.58 प्रतिशत की शानदार वृद्धि दर्शाता है.
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देश की बढ़ती ऊर्जा मांग
कोयला मंत्रालय ने कहा कि वह उत्पादन बढ़ाने और देश की बढ़ती ऊर्जा मांगों को पूरा करने के उद्देश्य से काम कर रहा है. कोयला उत्पादन और डिस्पैच में लगातार वृद्धि से कोयले में आत्मनिर्भरता हासिल करने और आत्मनिर्भर भारत के विजन को पूरा करने में मदद मिलेगी. घरेलू उत्पादन में वृद्धि के कारण वित्त वर्ष 2024-25 की अप्रैल-अक्टूबर अवधि के दौरान भारत का कोयला आयात 3.1 प्रतिशत घटकर 149.39 मिलियन टन रह गया, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 154.17 मीट्रिक टन था.
कोयला आधारित बिजली उत्पादन
कोयला मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि अप्रैल 2024 से अक्टूबर 2024 तक कोयला आधारित बिजली उत्पादन में पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 3.87 प्रतिशत की शानदार वृद्धि हुई है, लेकिन इसी अवधि के दौरान थर्मल पावर प्लांट द्वारा मिश्रण उद्देश्यों के लिए आयात में 19.5 प्रतिशत की कमी आई है.
-भारत एक्सप्रेस
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