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इन्वेस्टकॉर्प बड़े सौदों और रणनीतिक बदलाव के साथ भारत में अपना दांव बढ़ाएगा

इन्वेस्टकॉर्प बड़े सौदों और निवेश रणनीति में बदलाव के साथ भारत में अपने दांव को बढ़ाने की सोच रही है, जिसमें निजी इक्विटी और रियल एस्टेट में निवेश शामिल है. कंपनी ने भारत में निजी इक्विटी और रियल एस्टेट के मध्य-बाजार सौदों में 1 अरब डॉलर का निवेश किया है.

Investcorp

बहरीन की इन्वेस्टकॉर्प बड़े सौदों और निवेश रणनीति में बदलाव के साथ भारत में अपने दांव को बढ़ाने की सोच रही है. यह फर्म गुच्ची और टिफनी (Gucci and Tiffany) जैसे लक्जरी ग्रुप्स और हाई स्ट्रीट रिटेलर सैक्स फिफ्थ एवेन्यू में अपने निवेश के लिए जानी जाती है.

इन्वेस्टकॉर्प के उपाध्यक्ष और मुख्य निवेश अधिकारी (Chief Investor Officer) ऋषि कपूर ने कहा कि IDFC के वैकल्पिक कारोबार के अधिग्रहण के साथ 2018 में भारत में प्रवेश के बाद इन्वेस्टकॉर्प ने भारत में निजी इक्विटी और रियल एस्टेट के मध्य-बाजार सौदों में 1 अरब डॉलर का निवेश किया है.

निजी इक्विटी का ध्यान मुख्य रूप से उपभोक्ता और खुदरा, स्वास्थ्य सेवा, वित्तीय सेवाओं, बी2बी और प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में एसेट-लाइट कंपनियों पर रहा है, जिसमें ग्लोबल डेंटल, वेकफिट, एक्सप्रेसबीज, नेफ्रोप्लस, सफारी इंडस्ट्रीज, इनक्रेड, सिटीकार्ट, जोलो, फ्रेशटूहोम और इंटरग्रो ब्रांड्स में निवेश शामिल है. हाल ही में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की डिजिटल प्रौद्योगिकी शाखा NSEIT का 1,000 करोड़ रुपये का अधिग्रहण इसका सबसे बड़ा अधिग्रहण है.

WEF में क्या कहा

कपूर ने दावोस में वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम (WEF) के दौरान इकॉनोमिक टाइम्स को दिए इंटरव्यू में बताया, “हमने न केवल कागजों पर बल्कि मजबूत नतीजों पर भी मजबूत रिटर्न देखा है. हमने जो सौदे किए थे, वे साकार हुए हैं, हमारे निवेशकों को पूंजी और मुनाफा वापस मिला है, जिससे भरोसा पैदा होता है.” “स्थानीय उपस्थिति वाली एक वैश्विक फर्म के रूप में, हम मध्य बाजार में काम करने वाली एकमात्र कंपनी हैं, क्योंकि बाकी सभी वैश्विक फर्में बड़े सौदे कर रही हैं. हम मध्य बाजार में काम कर रहे हैं. हमारा आखिरी सौदा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज आईटी सेवा व्यवसाय था. यह 100 मिलियन डॉलर से अधिक का इक्विटी चेक था.” उन्होंने कहा कि भारत में रियल एस्टेट निवेश लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसेज के इर्द-गिर्द केंद्रित है.

उन्होंने कहा, “हमने भारत में तीसरे सबसे बड़े वेयरहाउसिंग प्लेटफॉर्म एनडीआर वेयरहाउसिंग (NDR Warehousing) के साथ साझेदारी में निवेश किया है. शुरुआत में हमने प्राइवेट कैपेसिटी में निवेश किया था, लेकिन अब हमने पूरे पोर्टफोलियो को ले लिया है और इसे इंफ्रा-आरईआईटी के रूप में सूचीबद्ध किया है.” उन्होंने आगे कहा कि कंपनी निजी स्कूलों में भी निवेश करती है.

1982 में हुई इन्वेस्टकॉर्प की स्थापना

1982 में स्थापित इन्वेस्टकॉर्प की स्थापना इराक में जन्मे फाइनेंसर नेमिर किरदार ने एक अग्रणी एसेट मैनेजर के रूप में की थी. उन्होंने पश्चिम एशिया के पेट्रोलियम धन को विकसित बाजारों में निवेश किया था. 1980 के दशक में लग्जरी ब्रांड टिफनी और फिर गुच्ची को खरीदकर इन्वेस्टकॉर्प ने जल्दी ही अपना नाम बना लिया.

इन्वेस्टकॉर्प अमेरिका, ब्रिटेन, मध्य पूर्व और एशिया में 12 कार्यालयों में 53 अरब डॉलर की संपत्ति का प्रबंधन करता है. व्यवसाय खंडों को सुव्यवस्थित करने और अक्षमताओं को हल करने के लिए फर्म में वैश्विक स्तर पर हाल ही में नेतृत्व पुनर्गठन की आवश्यकता थी.

पिछले 10 वर्षों में इन्वेस्टकॉर्प की प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां (Assets under management) 10 बिलियन डॉलर से बढ़कर 53 बिलियन डॉलर हो गई, जबकि इसने भारत, दक्षिण-पूर्व एशिया आदि जैसे नए बाजारों के साथ-साथ ऋण और बुनियादी ढांचे जैसे नए परिसंपत्ति वर्गों में भी प्रवेश किया.


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-भारत एक्सप्रेस



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