
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच गहरी दोस्ती ने भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है. अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता मार्गरेट मैक्लियोड ने हाल ही में कहा कि दोनों देश अपने साझा हितों के लिए उच्च स्तर पर काम कर रहे हैं. आतंकवाद के खिलाफ सहयोग, उन्नत तकनीकों में भागीदारी और व्यापारिक अवसरों के विस्तार के साथ दोनों देशों का भविष्य उज्ज्वल दिखाई देता है.
भारत और अमेरिका के बीच आतंकवाद के खिलाफ सहयोग का एक बड़ा उदाहरण 2008 के मुंबई हमलों (26/11) के प्रमुख संदिग्ध तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण है. मैक्लियोड ने इस प्रत्यर्पण को दोनों देशों के बीच मजबूत साझेदारी का प्रतीक बताया. उन्होंने कहा, “26/11 एक भयावह घटना थी और राणा को कानून का सामना करना चाहिए. हमें उम्मीद है कि भविष्य में भी यह सहयोग जारी रहेगा.” इस कदम ने न केवल आतंकवाद के खिलाफ दोनों देशों की प्रतिबद्धता को दर्शाया, बल्कि 26/11 के पीड़ितों के लिए न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी उठाया.
ट्रंप की व्यापार नीति और भारत
हालांकि सुरक्षा और तकनीकी क्षेत्रों में सहयोग मजबूत हुआ है, व्यापार के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच कुछ चुनौतियां रही हैं. ट्रंप ने पहले भारत की उच्च शुल्क नीतियों पर नाराजगी जताई थी. उन्होंने कहा था, “भारत बहुत सख्त है. वे हमारे उत्पादों पर 52 प्रतिशत तक शुल्क लगाते हैं, जबकि हम उनके सामान पर लगभग कुछ भी शुल्क नहीं लेते.” हालांकि, हाल ही में ट्रंप ने भारत सहित सभी देशों (चीन को छोड़कर) के लिए 90 दिनों के लिए शुल्क लागू करने पर रोक लगा दी है. यह कदम दोनों देशों को व्यापारिक मतभेदों को सुलझाने और बातचीत के लिए समय देता है.
द्विपक्षीय व्यापार समझौते की शुरुआत
इस सप्ताह भारत और अमेरिका के बीच एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) पर औपचारिक चर्चा शुरू होने वाली है. दोनों पक्ष एक निष्पक्ष और पारस्परिक रूप से लाभकारी समझौते की उम्मीद कर रहे हैं. ट्रंप ने इस समझौते को “न्याय और समानता” के आधार पर व्यापार को बढ़ावा देने वाला बताया है. इस वार्ता में शुल्क, बौद्धिक संपदा अधिकार और बाजार पहुंच जैसे विवादास्पद मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. यदि यह वार्ता सफल रही, तो यह दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को लाभ पहुंचाएगी और उनके वैश्विक साझेदारी को और मजबूत करेगी.
तकनीक और व्यापार में उज्ज्वल भविष्य
भारत और अमेरिका के बीच तकनीकी सहयोग भी तेजी से बढ़ रहा है. उन्नत तकनीकों में साझेदारी, जैसे कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता, साइबर सुरक्षा और नवीकरणीय ऊर्जा, दोनों देशों के लिए लाभकारी साबित हो रही है. इसके अलावा, व्यापारिक अवसरों का विस्तार दोनों देशों के उद्यमियों और कंपनियों के लिए नए रास्ते खोल रहा है. मैक्लियोड ने कहा, “हमारा भविष्य बहुत उज्ज्वल है.” यह बयान दोनों देशों के बीच बढ़ते विश्वास और सहयोग को दर्शाता है.
ट्रंप-मोदी की दोस्ती का प्रभाव
ट्रंप और मोदी की व्यक्तिगत दोस्ती ने दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत किया है. ट्रंप ने मोदी को “अपना महान मित्र” कहा है, और यह दोस्ती केवल राजनयिक स्तर तक सीमित नहीं है. दोनों नेताओं ने आतंकवाद, व्यापार और तकनीक जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठाए हैं. ट्रंप की हालिया शुल्क रोक और व्यापार वार्ता की शुरुआत इस बात का संकेत है कि दोनों देश मतभेदों को दूर करने और साझा हितों को प्राथमिकता देने के लिए तैयार हैं.
भारत और अमेरिका के बीच संबंध हाल के वर्षों में काफी विकसित हुए हैं. ट्रंप और मोदी की दोस्ती ने इस साझेदारी को नई दिशा दी है. आतंकवाद के खिलाफ सहयोग, तकनीकी प्रगति और व्यापारिक अवसरों के विस्तार के साथ दोनों देश एक मजबूत भविष्य की ओर अग्रसर हैं. द्विपक्षीय व्यापार समझौते की आगामी वार्ता और शुल्क पर रोक जैसे कदम दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण हैं. यदि ये प्रयास सफल रहे, तो भारत और अमेरिका की साझेदारी वैश्विक मंच पर और भी प्रभावशाली बन सकती है.
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-भारत एक्सप्रेस
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