
पोलैंड के उप विदेश मंत्री और राज्य सचिव व्लादिस्लाव थियोफिल बार्टोशेव्स्की ने सोमवार को कहा कि उनका देश रूस-यूक्रेन युद्ध में भारत की भूमिका के लिए “आभारी” है. उन्होंने यह भी खुलासा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को परमाणु सामरिक हथियारों का उपयोग नहीं करने के लिए समझाया था.
बार्टोशेव्स्की ने बातचीत में कहा, “हमारी पीएम मोदी की वारसॉ यात्रा बहुत शानदार रही. पीएम मोदी ने पुतिन को समझाया कि परमाणु सामरिक हथियारों का उपयोग नहीं करना चाहिए. हम स्थायी शांति चाहते हैं, हम यूक्रेन में स्थिर और स्थायी शांति चाहते हैं.”
यूक्रेन और रूस के बीच शांति की आवश्यकता
यह बयान पीएम मोदी के उस वक्तव्य के बाद आया है, जिसमें उन्होंने एक पॉडकास्ट के दौरान कहा था कि शांति केवल बातचीत से बहाल हो सकती है, न कि युद्धभूमि पर. पीएम मोदी ने रूस और यूक्रेन दोनों देशों से वार्ता की मेज पर बैठने का आग्रह किया.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “मेरी रूस और यूक्रेन दोनों से करीबी रिश्ते हैं. मैं राष्ट्रपति पुतिन से कह सकता हूं कि यह युद्ध का समय नहीं है, और मैं राष्ट्रपति जेलेंस्की से भी मित्रवत तरीके से कह सकता हूं कि भाई, चाहे दुनिया में तुम्हारे साथ कितने लोग खड़े हों, युद्धभूमि पर कोई समाधान नहीं मिलेगा.” उन्होंने यह भी कहा कि “समाधान तब ही संभव होगा जब दोनों देश, रूस और यूक्रेन, बातचीत के लिए बैठेंगे.”
वैश्विक संघर्षों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों की स्थिति
अपने पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने यह भी कहा कि वैश्विक संघर्ष बढ़ रहे हैं क्योंकि पहले शक्तिशाली अंतरराष्ट्रीय संगठन अब लगभग अप्रासंगिक हो गए हैं. उन्होंने कहा, “अंतरराष्ट्रीय संगठनों, जैसे कि संयुक्त राष्ट्र, की भूमिका अब अपर्याप्त हो गई है, और इनमें कोई वास्तविक सुधार नहीं हो रहे हैं.” उन्होंने देशों से आग्रह किया कि वे संघर्ष को छोड़कर सहयोग की दिशा में बढ़ें. प्रधानमंत्री ने कहा, “जो लोग अंतरराष्ट्रीय कानूनों और नियमों की अवहेलना कर रहे हैं, वे बिना किसी रुकावट के काम कर रहे हैं. ऐसे में सभी के लिए सबसे समझदारी भरा कदम यह है कि वे संघर्ष को छोड़कर सहयोग की ओर बढ़ें.”
पोलैंड का यूक्रेन को समर्थन
इस बीच, पोलैंड के उप विदेश मंत्री बार्टोशेव्स्की ने कहा कि पोलैंड ने युद्ध की शुरुआत से ही यूक्रेन की मदद की है. उन्होंने कहा, “हमने यूक्रेन से आने वाले हजारों प्रवासियों का स्वागत किया है. हम शांति बनाए रखने के लिए सैन्य सहायता और शांति सेना भेजने के लिए तैयार हैं.”
-भारत एक्सप्रेस
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