
पटियाला हाउस कोर्ट ने आतंकवाद के वित्तपोषण से जुड़े मामले में जेल में बंद बारामूला सांसद शेख अब्दुल रशीद उर्फ इंजीनियर रशीद की जमानत याचिका पर बुधवार को फैसला टाल दिया. पाटियाला हाउस कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश चंद्रजीत सिंह अब 21 मार्च को फैसला सुनाएंगे.
इससे पहले, 10 मार्च को पटियाला हाउस कोर्ट ने इंजीनियर रशीद की संसद सत्र में भाग लेने के लिए दायर अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया. फिलहाल, यह याचिका हाईकोर्ट में लंबित है. 10 मार्च को ही कोर्ट ने उनकी नियमित जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था.
गौरतलब है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने पहले इंजीनियर रशीद को संसद सत्र में शामिल होने के लिए दो दिन की कस्टडी परोल पर रिहा करने की अनुमति दी थी. हालांकि, 24 फरवरी को उन्होंने हाईकोर्ट में दायर जमानत याचिका वापस ले ली थी. हाईकोर्ट ने इसके बाद पटियाला हाउस कोर्ट के स्पेशल NIA कोर्ट को निर्देश दिया था कि वह उनकी जमानत याचिका पर जल्द से जल्द सुनवाई कर फैसला ले.
टेरर फंडिंग मामला और आरोप
सुप्रीम कोर्ट के स्पष्टीकरण के बाद दिल्ली हाईकोर्ट की रजिस्ट्री ने बताया था कि पटियाला हाउस कोर्ट का स्पेशल एनआईए कोर्ट इंजीनियर रशीद के खिलाफ दर्ज मामले की सुनवाई कर सकता है. इंजीनियर रशीद ने 2024 के लोकसभा चुनाव में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को लगभग एक लाख मतों से हराकर जीत दर्ज की थी. उन्हें 2016 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गिरफ्तार किया था.
पटियाला हाउस कोर्ट ने 16 मार्च 2022 को टेरर फंडिंग मामले में हाफिज सईद, सैयद सलाहुद्दीन, यासिन मलिक, शब्बीर शाह, मसरत आलम, इंजीनियर रशीद, जहूर अहमद वटाली, बिट्टा कराटे, आफताब अहमद शाह, अवतार अहम शाह, नईम खान, बशीर अहमद बट्ट ऊर्फ पीर सैफुल्ला समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था.
NIA के अनुसार, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के सहयोग से लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन, जेकेएलएफ और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों ने जम्मू-कश्मीर में हिंसा भड़काने, आम नागरिकों और सुरक्षा बलों पर हमले करने की साजिश रची. 1993 में, अलगाववादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस की स्थापना की गई थी.
पूरा मामला
एनआईए के मुताबिक, हाफिज सईद ने हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं के साथ मिलकर हवाला और अन्य अवैध माध्यमों से आतंकी गतिविधियों के लिए धन जुटाया. इस धन का इस्तेमाल कश्मीर घाटी में अशांति फैलाने, सुरक्षा बलों पर हमले करने, स्कूलों को जलाने और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के लिए किया गया.
इस संबंध में गृह मंत्रालय को जानकारी मिलने के बाद एनआईए ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 121, 121ए और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) की धारा 13, 16, 17, 18, 20, 38, 39 और 40 के तहत मामला दर्ज किया था.
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-भारत एक्सप्रेस
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