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जन औषधि केंद्रों के माध्यम से दवाओं की बिक्री 1,255 करोड़ रुपये से पार, नागरिकों को 5,020 करोड़ रुपये की बचत

जन औषधि केंद्रों के माध्यम से दवाओं की बिक्री 1,255 करोड़ रुपये से पार हो गई है, जिससे नागरिकों को लगभग 5,020 करोड़ रुपये की बचत हुई है. यह जन औषधि योजना की सफलता का परिणाम है, जिसका उद्देश्य सस्ती दवाएं उपलब्ध कराना है.

Pradhanmantri Jan Aushadhi Scheme

रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने सोमवार को जारी एक बयान में बताया कि 30 नवंबर 2024 तक जन औषधि आउटलेट्स के माध्यम से दवाओं की बिक्री 1,255 करोड़ रुपये को पार कर गई है. वित्तीय वर्ष 2024-25 में, भारतीय फार्मास्युटिकल्स और मेडिकल डिवाइसेज ब्यूरो (PMBI) के तहत दवाओं की बिक्री 1,255 करोड़ रुपये तक पहुंच गई, जिससे नागरिकों को लगभग 5,020 करोड़ रुपये की बचत हुई है.

इस वर्ष के दौरान, प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (PMBJP) ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs), राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) और असम राइफल्स (AR) के साथ कई समझौतों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए. इस पहल का उद्देश्य CAPFs, NSG और AR (MHA) अस्पतालों में जन औषधि दवाओं की उपलब्धता बढ़ाना था.

योजना का उद्देश्य

इसके अलावा, मॉरीशस में पहला अंतरराष्ट्रीय जन औषधि केंद्र भी खोला गया. फार्मास्युटिकल्स विभाग ने इस वित्तीय वर्ष में एक योजना शुरू की, जिसका उद्देश्य फार्मास्युटिकल उद्योग को मजबूत करना है. इस योजना के तहत 500 करोड़ रुपये का कुल वित्तीय आवंटन किया गया था.

यह योजना देशभर के मौजूदा फार्मा क्लस्टरों और एमएसएमई (MSMEs) को प्रोत्साहन देने के लिए है. इसका उद्देश्य उनकी उत्पादकता, गुणवत्ता और एमएसएमई क्लस्टरों को सुधारना है. जन औषधि योजना की सफलता से न केवल नागरिकों को सस्ती दवाओं का लाभ मिल रहा है, बल्कि इससे भारत के फार्मास्युटिकल उद्योग को भी मजबूती मिल रही है.


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-भारत एक्सप्रेस



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