
बिहार में जंगलराज
Gopal Khemka Murder Case: तारीख थी 4 जुलाई और शुक्रवार का दिन था. बिहार के एक बड़े उद्योगपति गोपाल खेमका (Gopal Khemka) रात करीब 11:30 बजे पटना के एक क्लब से अपने घर वापस लौट रहे थे. जब वो अपने अपार्टमेंट के गेट के पास पहुंचे, तभी घात लगाए अपराधियों ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी.
4 जुलाई को ही बिहार के सिवान जिले में करीब 2 दर्जन अपराधियों ने मिलकर 5 लोगों पर तलवार, फावड़े और अन्य धारदार हथियार से हमला कर दिया. हमला इतना भयावह था कि मौके पर मौजूद लोग सिहर उठे. इस हमले में 3 लोगों की मौके पर मौत हो गई. वहीं दो लोग गंभीर रूप से घायल हैं. इस हमले में पीड़ित पक्ष के दो लोग अभी भी लापता हैं.
एक ही दिन में दो ऐसी घटनाएं ये बताने के लिए काफी हैं कि बिहार में पुलिस का इकबाल खत्म हो चुका है. अपराधियों के हौसले बुलंद हैं. तब ये सवाल जायज हो जाता है कि क्या बिहार में फिर से जंगलराज लौट आया है? 4 जुलाई की घटनाओं ने बिहार सरकार के सुशासन के दावों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिये हैं.
6 महीने में 8 बड़े कारोबारियों की हो चुकी हत्या
अगर सिर्फ कारोबारियों की बात करें, तो गोपाल खेमका की हत्या कोई पहली घटना नहीं है. इस साल अबतक करीब 8 बड़े कारोबारियों की हत्या हो चुकी है. जिसमें गोपाल खेमका, जमीन कारोबारी अंजनी सिंह, भागलपुर के किराना व्यवसायी विनय गुप्ता और जमीन कारोबारी रजी अहमद शामिल हैं. इसके अलावा एशिया हॉस्पिटल की मालकिन सुरभि की भी हत्या उनके चैंबर में घुसकर गोली मारकर कर दी गई. ये घटनाएं बताती हैं कि बिहार में अब व्यवसाय करना कितना कठिन हो गया है.
25 दिन में 5 बार पुलिस पर हमला
बिहार में बदमाशों के हौसले कितने बुलंद हैं इसकी तस्दीक पुलिस पर हो रहे हमले कर रहे हैं. पिछले 25 दिनों के पटना में 5 बार पुलिस पिट चुकी है. जिसमें 11 जून की वो घटना भी शामिल है. जब देर रात शिवपुरी इलाके में तेज रफ्तार स्कॉर्पियो ने चेकिंग कर रहे पुलिस टीम को रौंद दिया. इस हमले में नालंदा की रहने वाली महिला सिपाही कोमल की मौत हो गई. जबकि 1 एसआई और 1 एएसआई घायल हो गए.
क्या कह रहे हैं आंकड़े
बिहार में कानून व्यवस्था का लोप हो चुका है. आंकड़े इस बात की गवाही दे रहे हैं. जनवरी से लेकर मई तक सिर्फ राजधानी पटना में ही क्राइम अपने पीक पर है. जिसमें हत्या के 116 मामले, रेप के 41, लूट के 47, डकैती के 10, सेंधमारी के 343, और वाहन चोरी के 2335 मामले शामिल हैं.
पटना में हर 25 घंटे में हुई 1 हत्या
जब बिहार की राजधानी पटना में ही पिछले 6 महीने में कानून व्यवस्था का ये हाल है, तो बाकि बिहार का भगवान ही मालिक है. आंकड़ों के मुताबिक बिहार की राजधानी पटना में पिछले 6 महीने में हुई हत्या के आंकड़ों को देखा जाए तो पता चलता है कि हर 25 घंटे में एक हत्या हुई है.
बिहार में क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम बर्बाद
एक मीडिया चैनल को दिये साक्षात्कार में बिहार में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर पूर्व DGP अभयानंद ने महत्वपूर्ण बयान दिया. उनका कहना है कि बिहार में क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम बर्बाद हो चुका है. इसको लेकर राजनीतिक पहल होनी चाहिये, लेकिन फिलहाल इसका कोई अता-पता नहीं दिख रहा है.
अभयानंद का ये भी कहना है कि कानून का पालन कराने की जिम्मेदारी पुलिस-प्रशासन की है. पुलिस का काम है कि वो सही धाराओं में केस दर्ज करे, कानूनी प्रक्रिया का विधिवत पालन करे और समय पर चार्जशीट दाखिल करे. इसके अलावा पुलिस कानून व्यवस्था बनाए रखने में निष्पक्षता रखे. तभी लोगों का पुलिस पर भरोसा बना रहेगा. वरना बिहार की कानून व्यवस्था में सुधार की गुंजाइश नहीं रहेगी.
– भारत एक्सप्रेस
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