
Bharat Express Mega Conclave: भारत एक्सप्रेस के दूसरे वर्षगांठ पर दिल्ली के अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में मंगलवार (10 फरवरी) को भारत एक्सप्रेस का मेगा कॉन्क्लेव “नए भारत की बात दिल्ली के साथ” आयोजित किया गया. कॉन्क्लेव में देश की राजनीति से लेकर स्वास्थ्य क्षेत्र से अलग-अलग दिग्गजों ने हिस्सा लेकर चैनल के सवालों का बखूबी जवाब दिया. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दीप प्रज्ज्वलित कर कॉन्क्लेव का उद्घाटन किया, इस मौके पर उन्होंने ओपनिंग स्पीच भी दी. जिसके बाद कॉन्क्लेव में कई जानी मानी हस्तियों ने भी अपने-अपने विचार रखे.
कॉन्क्लेव में देश के पूर्व सॉलिसिटर जनरल विकास सिंह और सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्विनी उपाध्याय ने भारत एक्सप्रेस के कंसल्टिंग एडिटर प्रवीण तिवारी के साथ चर्चा में हिस्सा लिया.
चर्चा की शुरूआत में होस्ट प्रवीण तिवारी ने विकास सिंह से सवाल किया कि क्या भारत में न्याय मिलने में देरी के मामले में कुछ सुधार हुआ है. जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि हमने इस मामले में सुधार नहीं कर पाए हैं. एक केस में एक दिन में आए फैसले का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि कोर्ट भी ऐसी व्यवस्था समर्थन नहीं करता है, चाहे प्रक्रिया में सभी नियम फॉलो हुए हो. उन्होंने कहा कि इसको लेकर हमें ऊपर से सोच सुधारनी पड़ेगी खास कर के सुप्रीम कोर्ट से.
न्याय के लिए समय-सीमा तय की जानी चाहिए
दूसरे मेहमान अश्विनी उपाध्याय ने न्याय के लिए समय-सीमा तय करने को लेकर पुछे गए सवाल पर कहा कि भारत के पुराने न्याय व्यवस्था पर नजर डालें खास कर छत्रपति शिवाजी महारज के समय कि तो हम पाएंगे कि तब न्याय के लिए 3 व्यवस्था थी. जिसमें एक घंटे में, एक दिन में और एक सप्ताह में न्याय दिए जाने का प्रावधान था. कोई अपवाद केस ही महीने तक चलता था पर उससे ज्यादा नहीं. उन्होंने कहा कि हम ऐसा आज भी कर सकते हैं बस कुछ चीजों को सुधारने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि हमें झूठी गवाही, झठे केस, झूठे एफिडेविट और झूठी जांच इन जैसे मामले को गंभीर अपराध बनाना होगा.
पुलिस को स्वतंत्र बनाना होगा
वहीं विकास सिंह ने कहा कि पुलिस को फैसले लेने के मामले में स्वतंत्र बनाने की जरूरत है. हमें सुप्रीम कोर्ट के प्रकाश सिंह जजमेंट को लागू कर पुलिसिंग को और जिम्मेदार बनाना होगा. पुलिस कार्यपालिका से आजाद करना होगा. तबादलों को लेकर पुलिस के पास अपना अधिकार होना चाहिए. पर आज राज्यों में पुलिस के इस्तेमाल को लेकर होड़ मची है. पुलिस जो मंत्री चाहते हैं वही कर रही है. इसे अड्रैस करने की जरूरत है.
नए कानून पर बात करते हुए वकील अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि इसकी भाषा और सरल हो सकती थी. अमेरिकी कानून की भाषा इसे सरल बनाया जा सकता था. उन्होंने कहा कि हमें सुधार के लक्ष्य को हासिल करने के लिए पुलिस चार्टर या पुलिस सुधार लागू करना होगा. इसके अलावा पुलिस और प्रशासन के साथ न्यायपालिका की भी जवाबदेही और समयसीमा तय करनी होगी.
-भारत एक्सप्रेस
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