सांकेतिक फोटो-सोशल मीडिया
Lok Sabha Elections 2024: देश में हेलिकॉप्टर कम पड़ गए हैं! चुनावी सीजन में हुई इस कमी से राजनीतिक दल परेशान हैं. हालांकि ये कमी भी उनकी वजह से ही आई है. दरअसल देश में लोकसभा चुनाव की बयार चल रही है. पहले चरण का चुनाव देश के 21 राज्यों की 102 सीटों पर हो चुका ह और अब छह चरण शेष रह गए हैं. ऐसे में राजनीतिक दल कम समय में अधिक से अधिक सीटों का भ्रमण कर लेना चाहते हैं. ऐसे में एकमात्र सहारा या तो हेलिकॉप्टर है या फिर चार्टर प्लेन.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक करीब 130 व्यावसायिक विमान और इतनी ही संख्या में हेलीकॉप्टर पंजीकृत हैं. लोकसभा चुनाव को देखते हुए अधिक से अधिक हेलीकॉप्टर पहले ही बुक हो गए हैं. मीडिया सूत्रों की मानें तो चुनाव की वजह से 40-50 फीसदी तक की मांग बढ़ गई है. नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर एक शख्स ने बताया कि राजनीतिक दलों और व्यक्तिगत हैसियत पर विभिन्न नेताओं ने जनवरी और फरवरी में ही हेलीकॉप्टर की अधिक से अधिक बुकिंग करा ली. उन्होंने बताया कि देश में व्यावसायिक विमान और हेलिकॉप्टर किराए पर देने वाले ऑपरेटरों में वीएसआर वेंचर्स, एयर चार्टर सर्विसेज और रिलायंस ट्रांसपोर्ट एंड ट्रेवल्स शामिल हैं.
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बढ़ा किराया
हेरिटेज एविएशन के संस्थापक और सीईओ रोहित माथुर ने मीडिया को बताया कि 2019 की तुलना में 2024 में किराया 50% तक बढ़ गया है. इसकी एक वजह मांग के अनुपात में इनकी संख्या का न बढ़ना है.
हेलिकॉप्टर बुकिंग में भाजपा है सबसे आगे
मीडिया सूत्रों के मुताबिक देश की सबसे बड़े राजनीतिक दल भाजपा ने उपलब्ध हेलिकॉप्टरों में से करीब 80 प्रतिशत पहले ही बुक करा लिए. नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर दो शख्स ने मीडिया को जानकारी दी कि भाजपा ने उपलब्ध विमानों में से 80 फीसदी की बुकिंग की है. शख्स ने ये भी जानकारी दी कि भाजपा ने इसलिए भी हेलिकॉप्टर अधिक किराए पर लिए क्योंकि उनके यहां वरिष्ठ नेताओं की संख्या अधिकर है. हेलिकॉप्टर या फिर चार्टर प्लेन को किराए पर लेने के लिए भाजपा की एक केंद्रीय व्यवस्था है.
बंद हो गई बुकिंग
मीडिया सूत्रों के मुताबिक चुनाव प्रचार के लिए फिलहाल भारतीय विमानन नियामक निकाय नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने विदेश में पंजीकृत विमानों का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी है. यही कारण है कि भारत में पंजीकृत व्यावसायिक विमानों की मांग अधिक बढ़ गई है. अब तो स्थिति यहां तक पहुंच गई है कि किराए पर विमान देने वाली कंपनियां मांग भी पूरी नहीं कर पा रही हैं. फिलहाल विमान की उपलब्धता न हो पाने के कारण ऑपरेटरों ने अग्रिम बुकिंग बंद कर दी है.
इन विमानों का कर सकते हैं इस्तेमाल
फिलहाल एक राहत भरी बात ये है कि अगर कोई कंपनी या व्यक्ति चुनाव से इतर चाहे तो देश के अंदर और बाहर उड़ान भरने के लिए विदेश में पंजीकृत विमानों का इस्तेमाल कर सकते हैं. हालांकि उनको सैन्य वायु क्षेत्र में उड़ान भरने सहित कई पाबंदियों का सामना करना पड़ सकता है. इसके लिए चार्टर कंपनी को विमान के साथ ही चालक दल के सदस्यों के लिए भी विशेष अनुमति लेनी पड़ती है. बावजूद इसके हेलिकॉप्टर और चार्टर प्लेन का इतना टोटा हो गया है कि कंपनियों या उद्योग समूहों को भी विमान नहीं मिल रहे हैं.
जानें क्या है किराया
विमानों में दसौ फॉल्कन 2000 ईएक्स का किराया 6.5 लाख प्रति घंटे है तो इसी के साथ ही बीचक्रॉफ्ट सुपरकिंग एयर 250 का किराया 2.75 लाख, हॉकर 850 एक्सपी का 4.5 लाख, सेसना एक्सेल का 4.0 लाख, बॉम्बार्डियर लियरजेट का 4.0 लाख प्रति घंटे किराया है. तो वहीं हेलिकॉप्टर में अगस्ता (डबल इंजन) 109 का किराया 3.5 लाख प्रति घंटा, अगस्ता (सिंगल इंजन)119 का किराया 2.5 लाख, बेल 407 का किराया 2.5 लाख. बता दें कि ये सभी किराया प्रति घंटे के हिसाब से लाख में दिया गया है.
-भारत एक्सप्रेस
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