अखिलेश यादव और मायावती (फोटो- सोशल मीडिया)
Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव-2024 को लेकर उत्तर प्रदेश में सियासत गर्म है. लगातार राजनीतिक दल प्रत्याशियों की घोषणा कर रहे हैं तो वहीं होली के शुभ मौके पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी बसपा प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर दी है लेकिन इसी के साथ ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव की टेंशन भी बढ़ गई है. उत्तर प्रदेश (यूपी) के लिए बसपा ने 16 नाम घोषित किए हैं जिसमें से सात मुस्लिम उम्मीदवार हैं. जानकारों का मानना है कि इससे मायावती ने सीधे-सीधे अखिलेश के MY फैक्टर पर निशाना साधा है.
मायावती की इस पहली लिस्ट में माजिद अली (सहारनपुर से टिकट),जीशान खान (रामपुर से), मोहम्मद इरफान सैफी (मुरादाबाद से), मुजाहिद हुसैन (अमरोहा से), शौलत अली (संभल से) अनीस अहमद खान उर्फ फूलबाबू के (पीलीभीत से) और आबिद अली (आंवला से) को टिकट दिया है. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि बसपा की इस सूची के बाद से सपा खेमे में खलबली मच गई है. जानकारों का कहना है कि मुस्लिम-यादव (एमवाई) फॉर्मूला के जरिए सोशल इंजीनियरिंग करने वाले अखिलेश यादव को चुनाव में तगड़ी टक्कर मिल सकती है. माना जा रहा है कि आजम खान के गढ़ रामपुर से बसपा ने जीशान खान को उतार कर अखिलेश को मुसीबत में डाल दिया है. अगर जीशान चुनाव में नहीं जीतते हैं तो भी अखिलेश का काफी कुछ बिगाड़ सकते हैं.
2014-2019 तक फेल रही है सपा प्रमुख की सोशल इंजीनियरिंग
राजनीति के जानकार पिछले रिकॉर्डों के आधार पर बताते हैं कि अगर देखें तो बीते नौ साल में सपा का एमवाई फैक्टर लगातार अखिलेश यादव को धोखा देता आ रहा है. 2014 में सपा सिर्फ पांच सीटें जीत पाई थी, जबकि 2017 में सपा को केवल 47 सीटें ही मिल पाई थी. तो वहीं 2019 में मायावती से गठबंधन के दौरान सपा को सिर्फ पांच सीटों पर ही जीत मिल सकी थी.
बसपा ने इनको भी दिया है टिकट
मुस्लिम समुदाय के सात लोगों के साथ ही बसपा ने दारा सिंह प्रजापति (मुजफ्फरनगर से), श्रीपाल सिंह (कैराना से), सुरेंद्र पाल सिंह (नगीना से – एससी सीट), विजेंद्र सिंह (बिजनौर से), प्रवीण बंसल (बागपत से), देववृत्त त्यागी (मेरठ से), गिरीश चंद्र जाटव (बुलंदशहर से – एससी सीट), राजेंद्र सिंह सोलंकी (गौतमबुद्ध नगर से) और दोदराम वर्मा (शाहजहांपुर से – एससी सीट) को चुनावी मैदान में उतारा है.
-भारत एक्सप्रेस