इंजीनियर राशिद और उमर अब्दुल्ला.
इंजीनियर राशिद के नाम से मशहूर निर्दलीय उम्मीदवार शेख अब्दुल राशिद ने जेल में रहते हुए इस बार के लोकसभा चुनावों में जीत दर्ज की है. 2 बार के विधायक राशिद इस लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद उत्तरी कश्मीर की बारामूला लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व करेंगे.
इंजीनियर राशिद ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और जम्मू कश्मीर पीपुल कॉन्फ्रेंस के नेता सज्जाद लोन को मात दी है.
4 जून को जारी चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, उन्होंने 2 लाख 4 हजार 142 मतों से उमर अब्दुल्ला को हराया. इंजीनियर को कुल 4,72,481 मत मिले, जबकि उमर अब्दुल्ला को 2,68,339 वोट ही मिल सके. सज्जाद लोन को इस सीट पर तीसरा स्थान मिला, उन्हें 1,73,239 वोटों से संतोष करना पड़ा.
UAPA के तहत तिहाड़ जेल में बंद
इंजीनियर राशिद गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत तिहाड़ जेल में बंद हैं. वह जम्मू और कश्मीर अवामी इत्तेहाद पार्टी के संस्थापक हैं.
वे जम्मू-कश्मीर के लंगेट (Langate) निर्वाचन क्षेत्र से दो बार विधायक रह चुके हैं, जहां से उन्होंने 2008 और 2014 में जीत हासिल की थी. उन्होंने 2019 का लोकसभा चुनाव भी लड़ा था, लेकिन हार गए थे. उन्होंने ये सभी चुनाव निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर लड़े थे.
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अब्दुल रशीद का ‘इंजीनियर रशीद’ नाम 2008 से चला आ रहा है, जब उन्होंने कंस्ट्रक्शन इंजीनियर की नौकरी से इस्तीफा देकर अपना राजनीतिक करिअर शुरू किया था. उन्होंने कथित तौर पर 17 दिनों के अभियान के बाद लंगेट निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की.
2019 में किया गया था गिरफ्तार
इंजीनियर राशिद फिलहाल टेरर फंडिंग मामले में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं. उन्हें 2019 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने टेरर फंडिंग गतिविधियों के आरोप में गिरफ्तार किया था. वह UAPA के तहत गिरफ्तार होने वाले पहले नेता हैं.
उनके दो बेटों असरार रशीद और अबरार रशीद ने अपने पिता के लिए चुनाव प्रचार का नेतृत्व किया था. रैलियों में भीड़ की ताकत के आधार पर उन्होंने अपने पिता पर अधिकतम वोट हासिल करने का भरोसा जताया था.
-भारत एक्सप्रेस