प्रतीकात्मक चित्र
नारियल तेल बेचने वाली कंपनी को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि नारियल तेल के छोटे पैक को खाद्य तेल के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है. यानी अब इसके ऊपर सिर्फ 5 प्रतिशत टैक्स लगेगा. यह विवाद 15 साल से चल रहा था कि नारियल तेल का छोटे पैक कॉस्मेटिक वस्तुओं के काम आता है या फिर खाने के तेल के तौर पर इसका इस्तेमाल किया जा सकता है.
सीजेआई संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने यह फैसला दिया है. कोर्ट ने अपने फैसले में साफ किया है कि यदि नारियल तेल को छोटी बोतलों में पैक किया जाता है और बालों पर उपयोग के लिए लेबल किया जाता है, तब भी इसे केंद्रीय उत्पाद शुल्क टैरिफ अधिनियम 1985 के तहत बालों के तेल के रूप में वर्गीकृत किया जाना चाहिए. माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का असर दूसरी छोटी तेल की पैकिंग के ऊपर पड़ने वाला है. यानी कि दूसरी कंपनियों को भी राहत मिल सकती है.
बता दें कि यह मामला पिछले 15 साल से ट्रिब्यूनल से होते हुए सुप्रीम कोर्ट को पहुचा. नारियल तेल के 200 एमएल का पैक का इस्तेमाल खाने के तेल के तौर पर किया जाता है या बालों में लगाने के लिए. बता दें कि 2009 में यह विवाद शुरू हुआ था. सेंट्रल एक्साइज एंड सर्विसेज अपलेट ट्रिब्यूनल ने अपने आदेश में कहा था कि छोटे नारियल तेल के पैक को सेंट्रल एक्साइज टैरिफ एक्ट के तहत खाने का तेल माना जाए.
रेवेन्यू विभाग ने सेंट्रल एक्साइज एंड सर्विसेज अपलेट ट्रिब्यूनल के आदेश को चुनौती देते हुए कहा था कि छोटे नारियल तेल के पैक को हेयर ऑयल माना जाए, जिसपर ज्यादा टैक्स लगता है. साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने विभाजित फैसला दिया था, जिसके बाद इस मामले को तीनजजों की बेंच के पास ट्रांसफर कर दिया था.
-भारत एक्सप्रेस
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