‘दृश्यम-2'
Drishyam 2 : ‘दृश्यम-2′ 18 नवंबर को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है. फिल्म की स्टोरी जानने के लिए दर्शक बेताब हो रहे हैं. हर कोई जानना चाहता है कि क्या पुलिस को बॉडी मिली.
फिल्म 18 नवंबर को रिलीज हो रही है. इससे पहले फिल्म के लिए जमकर एडवांस बुकिंग भी हो रही है. हर किसी को ये जानने कि एक्साइटमेंट है कि इस बार विजय सलगांवर किस तरह से पुलिस को गुमराह करेगा? क्या इस बार पुलिस को बॉडी मिल जाएगी? ‘दृश्यम-2’ का क्लाइमेक्स क्या होगा? यही जानने के लिए ऑडियंस काफी एक्साइटेड है.
ये एक्साइटमेंट ट्रेलर और टीजर को देखकर और ज्यादा बढ़ गया है क्योंकि टीजर के एंड में विजय सलगांवर कैमरे के सामने कुबूलनामा करता नजर आ रहा है. बता दें कि फिल्म में तब्बू, अजय देवगन, श्रिया सरन, अक्षय खन्ना और रजत कपूर नजर आएंगे.
‘दृश्यम-2’ का क्लाइमेक्स जानने के लिए ऑडियंस एक्साइटेड
ये एक्साइटमेंट ट्रेलर और टीजर को देखकर और ज्यादा बढ़ गया है क्योंकि टीजर के एंड में विजय सलगांवर कैमरे के सामने कुबूलनामा करता नजर आ रहा है.
बता दें कि फिल्म में तब्बू, अजय देवगन, श्रिया सरन, अक्षय खन्ना और रजत कपूर नजर आएंगे.
दरअसल ‘दृश्यम 2’ की कहानी 7 साल के लीप के बाद शुरू होती है. यानी विजय और उसकी फैमिली को 7 साल बाद फिर से समस्याएं झेलनी पड़ती हैं. 7 सालों के दौरान विजय, उसकी पत्नी नंदिनी और बेटी अंजू नॉर्मल लाइफ की और बढ़ने की कोशिश करते हैं.
इस दौरान विजय का बिजनेस भी अच्छा चल निकलता है और वह अपने इलाके में काफी फेमस भी हो चुका होता है. हालांकि कुछ लोग अब भी दबी जुबान में 7 साल पहले के आईजी मीरा के बेटे के केस के बारे में बातें करते नजर आते हैं. वे कहते हैं कि विजय ने आईजी के बेटे को मारकर इस तरह गायब किया की आज तक उसका पता नहीं चल पाया है.
नंदिनी की गलती से बिगड़ा सारा खेल
वहीं सात साल बाद भी अंजू को समीर की हत्या बार-बार याद आती है. उसे दौरे भी पड़ते हैं और नंदिनी और विजय अपनी बेटी को संभालने की पूरी कोशिश करते हैं. इसी बीच नंदिनी की पड़ोस में रहने वाली फैमिली से अच्छी दोस्ती हो जाती है. एक दिन बातों-बातों में नंदिनी सात साल पहले समीर की हुई हत्या और परिवार की मिली भगत के बारे में अपनी पड़ोस की सहेली को बता देती है.
कहानी का ट्विस्ट ये होता है कि नंदिनी की पड़ोस वाली सहेली और उसका पति दोनों अंडरकवर पुलिस निकलते हैं.
आईजी को विजय का सच चला पता
कहानी आगे बढ़ती है और सात साल पहले विजय को थाने से निकलते हुए देखने वाला अपराधी भी जेल से छूट जाता है. वह विजय के बारे में पूछताछ करता है और उसे ये जानकर हैरानी होती है कि विजय और उसका परिवार बच कैसे गया. इधर नए आईजी को विजय और उसके परिवार का सच पता चलते ही वह आईजी मीरा को वापस बुला लेता है. इसी दौरान जेल से छूटा अपराधी भी पुलिस को विजय की सच्चाई बता देता है. जिसके बाद पुलिस इस अनुमान पर पहुंचती है कि विजय ने थाने में समीर की बॉडी को दफन किया होगा.
पुलिस एक बार फिर विजय और उसके परिवार से पूछताछ करती है. इस बीच बेटी अंजू की दिन ब दिन बिगड़ती हालत देख विजय पुलिस के सामने कुबूलनामा कर लेता है. हालांकि वह शर्त भी रखता है कि पुलिस उसके परिवार को कुछ नहीं कहेगी. लेकिन आईजी मीरा अपने बेटे के हत्यारों को सजा दिलाना चाहती हैं.
इसके बाद फिल्म में कोर्ट रूम की शुरुआत हो जाती है ट्रायल के दौरान पुलिस के पास विजय के खिलाफ सूबूत हैं. थाने के नीचे से निकला कंकाल, विजय को थाने से निकलता हुआ देखने वाला गवाह और भी कई ऐसे ही सबूत पुलिस के पास हैं.
-भारत एक्सप्रेस
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.