
Gold Smuggling case: गोल्ड स्मगलिंग मामले में रंगे हाथों पकड़ी गई कन्नड़ एक्ट्रेस रान्या राव ने डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) की पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं, अपने बयान में रान्या ने बताया कि वह फोटोग्राफी और रियल एस्टेट बिजनेस के सिलसिले में यात्रा करती थी.
DRI ने जब रान्या से दुबई यात्रा को लेकर सवाल किया तो उसने बताया, “मैंने यूरोप, अमेरिका, अफ्रीका और मिडिल ईस्ट के कई दौरे किए हैं. बीते दो सप्ताह से मुझे कई अज्ञात विदेशी नंबरों से कॉल आ रहे थे. 1 मार्च को एक विदेशी नंबर से कॉल आया था.”
कैसे की जाती थी तस्करी?
DRI के मुताबिक, रान्या बैंडेज की मदद से अपने शरीर पर सोना बांधकर लाती थी. जमानत का विरोध करते हुए DRI ने कोर्ट में बताया कि यह कोई पहली बार नहीं था, बल्कि एक सोची-समझी योजना के तहत सोने की तस्करी की जा रही थी.
रान्या ने किया खुलासा
एक्ट्रेस ने बताया कि, “मुझे दुबई एयरपोर्ट के टर्मिनल 3 के गेट-A पर जाने को कहा गया था. वहां से मुझे सोना लेकर बेंगलुरु में डिलीवरी करने का निर्देश मिला था. यह पहली बार था जब मैंने दुबई से सोना तस्करी की. इससे पहले मैंने कभी ऐसा नहीं किया था.” हालांकि, रान्या ने उस व्यक्ति की पहचान बताने से इनकार कर दिया जिसने उसे निर्देश दिए थे. उसने यह भी बताया कि यूट्यूब वीडियो देखकर उसने सोना छिपाने की तकनीक सीखी.
दुबई एयरपोर्ट पर कैसे मिली सोने की खेप?
रान्या के अनुसार,”जिस व्यक्ति ने मुझे कॉल किया था, उसकी आवाज अफ्रीकी-अमेरिकी लग रही थी. उसने मुझे बताया कि वह दुबई एयरपोर्ट पर सफेद गाउन में मिलेगा. हम टर्मिनल 3 के गेट-A पर मिले. सुरक्षा जांच के बाद उसने मुझे सोने की छड़ें दीं और तुरंत वहां से चला गया. वह करीब 6 फीट लंबा, गोरा व्यक्ति था. मैं उसे पहले कभी नहीं मिली थी और न ही दोबारा देखा.”
टॉयलेट में छिपाया सोना
रान्या ने आगे बताया,”मुझे जो सोना दिया गया था, वह प्लास्टिक में लिपटे दो पैकेटों में था. मैंने एयरपोर्ट पर जाकर क्रेप बैंडेज और कैंची खरीदी और टॉयलेट में जाकर सोने की छड़ें अपने शरीर से चिपका लीं. मैंने इसे अपनी जींस और जूतों में छिपा लिया. यह सब मैंने यूट्यूब वीडियो देखकर सीखा था.”
पति के क्रेडिट कार्ड से बुक की थी फ्लाइट
DRI की पूछताछ में यह भी सामने आया कि रान्या ने दुबई जाने के लिए अपने पति जतिन विजय कुमार के क्रेडिट कार्ड से टिकट बुक की थी. जब उससे बेंगलुरु में डिलीवरी को लेकर सवाल किया गया तो उसने बताया,”मुझे एयरपोर्ट के टोल गेट के बाद सर्विस रोड पर जाने के निर्देश दिए गए थे. मुझे एक ऑटो-रिक्शा में सोना रखना था. हालांकि, उस रिक्शा का नंबर मुझे नहीं बताया गया था.”
कैसे हुआ पर्दाफाश?
रान्या राव 3 मार्च को दुबई से बेंगलुरु इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंची थी. पिछले 15 दिनों में उसने दुबई की चार ट्रिप की थी, जिससे अधिकारियों को शक हुआ. बेंगलुरु एयरपोर्ट पर उसकी मदद के लिए बसवराजू नाम का एक पुलिस कांस्टेबल पहले से मौजूद था. उसी की मदद से उसने सिक्योरिटी चेक से बचने की कोशिश की, लेकिन DRI पहले से उस पर नजर रख रही थी.
जैसे ही वह एयरपोर्ट से बाहर निकलने वाली थी, DRI की टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया. जांच के दौरान उसके जैकेट में छिपा 14.2 किलोग्राम विदेशी सोना बरामद हुआ, जिसकी कीमत 12.56 करोड़ रुपये आंकी गई. अब DRI इस पूरे मामले में और गहराई से जांच कर रही है कि इस तस्करी नेटवर्क के पीछे कौन-कौन लोग शामिल हैं?
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-भारत एक्सप्रेस
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