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Pathaan: पिछले कई सालों से शाहरुख खान की एक भी फिल्म, बॉलीवुड की 10 सबसे कमाऊ फिल्मों की लिस्ट में नहीं थी. जबकि उनके साथ सुपरस्टार तिकड़ी में शामिल सलमान खान और आमिर खान की 3-3 फिल्में इस लिस्ट में डटी हुई थीं. सोशल मीडिया पर बॉलीवुड को मिल रही नेगेटिविटी, दीपिका के कपड़ों पर विवाद और थिएटर्स में सॉलिड कमाई के लिए जूझती फिल्मों की टेंशन के बीच 25 जनवरी को शाहरुख की ‘पठान’ रिलीज हुई.
अब शाहरुख की फिल्म को थिएटर्स में 5 दिन हो चुके हैं. और सिर्फ 5 दिन की धुआंधार कमाई के बाद ‘पठान’ अब बॉलीवुड की 10वीं सबसे बड़ी फिल्म और हिंदी में 12वीं सबसे कमाऊ फिल्म बन चुकी है. कई सालों से अपने स्टारडम पर उठ रहे सवालों को चुपचाप सुन रहे शाहरुख के लिए सिर्फ 5 दिन में ‘पठान’ करियर की सबसे बड़ी फिल्म बन चुकी है. बॉक्स ऑफिस पर ‘पठान’ ने जिस तरह की सुनामी पैदा की है, उसे देखकर लोगों को सनी देओल की धमाकेदार ब्लॉकबस्टर ‘गदर’ याद आ रही है. सोशल मीडिया पर आपको बहुत लोग ये कहते दिख जाएंगे कि ‘पठान’ हमारे दौर की ‘गदर’ है. आइए बताते हैं कि 2001 में आई ‘गदर’ ने ऐसा क्या किया था और ‘पठान’ की इससे तुलना कितनी जायज है.
1997 में आई ‘बॉर्डर’ में सनी देओल-देशभक्ति और सिख किरदार का कॉम्बिनेशन जनता में जोरदार हिट साबित हुआ था. 2001 में ‘गदर’ के साथ ये कॉम्बिनेशन एक बार फिर रिपीट हो रहा था. सनी देओल जब सरदार तारा सिंह बने, तो साथ में एक लव स्टोरी भी आई. ‘गदर’ ने अपने नाम को पूरी तरह जस्टिफाई करते हुए बॉक्स ऑफिस पर गदर ही मचा दिया.
15 जून 2001 को ‘गदर’ और ‘लगान’ एक साथ ही थिएटर्स में रिलीज हुई थीं. लेकिन सनी देओल की फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर, आमिर खान की फिल्म के मुकाबले डबल से भी ज्यादा कमाई की थी. बाद में आमिर खान ने ‘लगान’ की 20वीं एनिवर्सरी आर कहा कि वो सनी देओल की फिल्म के लिए तैयार तो थे, लेकिन ‘गदर’ ने थिएटर्स में जो तूफान खड़ा किया, उसकी उम्मीद उन्हें कतई नहीं थी. लोग ट्रकों में भरकर ‘गदर’ देखने थिएटर्स पहुंच रहे थे. कुछ रिपोर्ट्स ये भी बताती हैं कि जब थिएटर्स में सीटें फुल हो जातीं, तो सिनेमा मालिक अलग से कुर्सियां लगवाकर उनके लिए टिकट चार्ज करते. मगर तब भी अच्छी खासी भीड़ थिएटर्स से बाहर रह जाती, जो फिर अगला शो देखती.
सनी देओल के माचो हीरो अवतार का क्रेज ऐसा फैला कि जहां आमिर की फिल्म ने इंडिया में करीब 34 करोड़ कमाए, वहीं ‘गदर’ ने 77 करोड़ का नेट कलेक्शन कर डाला था. और ये उस दौर की बात है जब 25 करोड़ कमाने वाली फिल्म अच्छी-खासी हिट मानी जाती थी.
बॉक्स ऑफिस इंडिया का डाटा कहता है कि 2001 में आई ‘गदर’ का नेट हिंदी कलेक्शन, 2017 के हिसाब से इन्फ्लेशन एडजस्ट करने पर 486 करोड़ रुपये से ज्यादा था. पिछले 7 साल का इन्फ्लेशन जोड़ने पर 2023 में ये आंकड़ा बड़े आराम से 500 करोड़ के पार पहुंच सकता है. हमारे दौर में बॉलीवुड की सबसे बड़ी फिल्मों के हिसाब से देखें तो ‘गदर’ का एडजस्ट किया हुआ नेट कलेक्शन, लगभग ‘बाहुबली 2’ के टोटल हिंदी कलेक्शन (511 करोड़ रुपये) के लेवल पर है.
बॉक्स ऑफिस की जानकारी रखने वालों में एक बहुत पॉपुलर डिस्कशन ये रहता है कि फिल्म की कामयाबी नापने के लिए बॉक्स ऑफिस कलेक्शन से बेहतर पैमाना ‘फुटफॉल’ है. फुटफॉल मतलब एक फिल्म को देखने कितने लोग पहुंचे. रिपोर्ट्स कहती हैं कि 90s के बाद भारत में सबसे ज्यादा देखी गई हिंदी फिल्म ‘हम आपके कौन’ है, जिसका फुटफॉल 7 करोड़ से ज्यादा था. ‘बाहुबली 2’ 5 करोड़ 29 लाख फुटफॉल के साथ दूसरे, जबकि 5 करोड़ 5 लाख फुटफॉल वाली ‘गदर’ तीसरे नंबर पर हैं. ‘पठान’ से बॉक्स ऑफिस पर तूफान मचा रहे शाहरुख की ही आइकॉनिक फिल्म ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ 4 करोड़ 79 लाख फुटफॉल के साथ चौथी पोजीशन पर है.
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