लोकसभा चुनाव में बढ़ता जा रहा खर्च.
Lok Sabha Election 2024 Spend: लोकसभा चुनाव 2019 को संपन्न कराने में केंद्र को 59 हजार करोड़ रुपये का खर्च आया था. जबकि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना में 80 करोड़ लोगों को 5 किलो फ्री राशन देने पर करीब 2 लाख 36 हजार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. इस बार के चुनवों में इलेक्टोरल बाॅन्ड, राम मंदिर, सीएए कानून समेत कई ऐसे मुद्दे है जो जनता के सिर चढ़कर बोल रहे हैं. यानी जनता इन सभी मुद्दों को ध्यान में रखकर ही वोट करेगी.
चुनाव आयोग के आंकड़ों की मानें तो एक गरीब परिवार जितने पैसे महीने भर का गुजारा चलाता है उतने ही पैसे का खर्च चुनाव आयोग को एक वोटर पर आता है. यानी सिर्फ 700 रुपये. 2014 में चुनाव कराने में करीब 3870 करोड़ रुपये का खर्च आया था. 2014 में उम्मीदवारों और पार्टियों द्वारा खर्च किया गया कुल पैसा 30 हजार करोड़ रुपये था. वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में यही खर्च बढ़कर 60 हजा करोड़ रुपये पहुंच गया. इसमें आयोग का खर्च 15 प्रतिशत के आसपास रहा होगा.
इस बार के चुनाव में 6 हजार करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना
इलेक्शन कमीशन के डेटा की मानें तो 1951 का पहला आम चुनाव जो 4 महीने तक चला चुनाव में करीब 10 करोड़ रुपये लगे थे. इसमें खर्च ज्यादा आया क्योंकि हर चीज को नए सिरे से बनाना था. दूसरे आम चुनाव 1957 में खर्च 5.7 करोड़रुपये रहा. उसके बाद से खर्च बढ़ता ही चला गया. 1967 के चुनाव में 11 करोड़ का खर्च आया. वहीं 1989 के आम चुनाव में 154 करोड़ से अधिक का खर्च आया. वहीं 2009 में करीब 1114 करोड़ रुपये खर्च हुए थे. जानकारों की मानें तो इस बार के चुनाव में 6 हजार करोड़ का खर्च आने की संभावना है.
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