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विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्यो के लिए ISRHE द्वारा 122 शख्सियतों को भारत सम्मान निधि पुरस्कार से नवाजा गया

इंस्टिट्यूट फॉर सोशल रिफॉर्मर एंड हायर एजुकेशन (ISRHE) ने 122 लोगो को अलग-अलग क्षेत्र से उत्कर्ष कार्य के लिए चुना गया है.

Delhi: इंस्टिट्यूट फॉर सोशल रिफॉर्मर एंड हायर एजुकेशन (ISRHE) संस्था में आयोजित एक कार्यक्रम में कई प्रदेशों से आए 122 लोगों को सम्मानित किया गया. दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने डॉ. रचना को प्रोफेसर ऑफ द ईयर इन बायोटेक्नोलॉजी से सम्मानित किया. इसी तरह अलग-अलग क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कुल 122 शख्सियत को भारत सम्मान निधि पुरस्कार से नवाजा गया. कार्यक्रम मे मुख्य अतिथि के तौर पर विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल रहे.

कार्यक्रम की शुरुआत दिल्ली विधानसभा के कॉन्फ्रेंस रूम में दीप प्रज्वलित करके की गई. ISRHE संस्था के अध्यक्ष अतुल शर्मा और सेक्रेटरी रेशु गुप्ता कार्यकम की शुरुआत मे विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल, नीरज अग्रवाल (पर्सनल सेक्रेटरी विधानसभा अध्यक्ष ), पवन शर्मा, समाजसेवी जे यस कालरा को साल और मोमेंटो देकर की. इस अवसर पर संस्था की सेक्रेटरी रेशू गुप्ता ने बताया कि उनकी सोसाइटी सभी समाजिक क्षेत्र में शिक्षा, स्किल डेवलपमेंट, प्रोग्रामस फॉर लेडीज गरीब बस्तियों मे सोशल वर्क करती है. पिछले 12 वर्षों में संस्था द्वारा देश-विदेश में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं.

कार्यक्रम मे 122 लोगो को भारत सम्मान निधि पुरस्कार, 2024 दिया गया. जिसमे डॉ. रचना को प्रोफेसर ऑफ द ईयर, इन बायोटेक्नोलॉजी से सम्मानित किया गया.  डॉ. रचना जेपी इंस्टिट्यूट ऑफ कॉलेज मे पिछले कई वर्षों से बतौर प्रोफेसर अपनी सेवाएं दे रही है. सम्मानित किये जाने पर डॉक्टर रचना ने बताया कि आईआईटी रुड़की और आईआईटी मुंबई से अपनी एजुकेशन पूरी करने के बाद वह बच्चों को शिक्षा देकर देश निर्माण के कार्य में लगी हुई है.

122 लोगो को किया गया सम्मानित

मुख्य अतिथि के तौर पर विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने कहा कि यह कार्यक्रम दूसरी बार दिल्ली विधानसभा मे हो रहा है. इंस्टिट्यूट फॉर सोशल रिफॉर्मर एंड हायर एजुकेशन (ISRHE) ने 122 लोगो को अलग-अलग क्षेत्र से उत्कर्ष कार्य के लिए चुना गया है. दिल्ली विधानसभा ऐतिहासिक बिल्डिंग रही है, ब्रिटिश हुकूमत के समय यह बिल्डिंग बनी थी. 1926 से पहले यहां देश की लोकसभा की कार्यवाही होती थी, बाद मे यह अंग्रेजो की कोर्ट बनी थी, यहां क्रन्तिकारिओं को फांसी दी जाती थी, यहां टनल से लाकर फांसी दी जाती थी, आजादी मे बाद दिल्ली 1951 मे पहली विधानसभा का गठन उसी बिल्डिंग मे किया गया था. 1956 मे दिल्ली विधानसभा भंग कर दी गयी थी. 1993 मे दुबारा विधानसभा दिल्ली को मिली. तब मदनलाल खुराना मुखयमंत्री बने. अपने उद्बोधन में गोयल ने दिल्ली सरकार की उपलब्धियां भी गिनाई.

इंस्टिट्यूट फॉर सोशल रिफॉर्मर एंड हायर एजुकेशन (ISRHE) संस्था के अध्यक्ष डॉ अतुल कुमार शर्मा ने बताया कि 2012 से वह लगातार समाज सेवा मे लगे हुए है. इसी कड़ी में दूसरी बार दिल्ली विधानसभा में लोगों को सम्मानित किया गया है.

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सम्मानित होने वाले कुछ प्रमुख नाम

कार्यक्रम में सम्मानित होने वाले लोगों ने खुशी जाहिर करते हुए आयोजन करने वाली संस्था का आभार व्यक्त किया. प्रमुख तौर पर सम्मानित होने वालों में डॉ जयानन्द, V C मेरठ यूनिवर्सिटी, डॉ विनोद कुमार, सीनियर साइंटिफिक इंजीनियर डॉ. दिनिशा, डॉ संजय बेस्ट पुलिस ऑफिसर ऑफ महाराष्ट्र, सचिन नायक, डॉ. जय राम, डॉ. शिखता सिंह, डायनेमिक प्रोफेसर ऑफ द ईयर, मिस सृष्टि शर्मा एंटरप्रेन्योर, डॉ. सचिन चंद्रकांत, डॉ. अनिल शांतिकाले सोशल वर्कर, डॉ. पारुल त्रिपाठी, पिछले 23 सालों से यह टीचिंग क्षेत्र में सक्रिय है आदि प्रमुख रहे.

-भारत एक्सप्रेस

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