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2024 में जल-मौसम संबंधी आपदाओं के कारण 2,936 लोग और 61 हजार से अधिक मवेशियों की हुई मौत: केंद्र

गृह राज्य मंत्री Nityanand Rai ने कहा कि आपदाओं में कुल मिलाकर 3,63,381 घर/झोपड़ियां क्षतिग्रस्त हुईं और जल-मौसम संबंधी आपदाओं के कारण 61,826 मवेशी मारे गए.

प्रतिकात्मक फोटो.

केंद्र सरकार ने मंगलवार (4 फरवरी) को लोकसभा को बताया कि पिछले साल देश में जल-मौसम संबंधी आपदाओं के कारण कुल 2,936 लोगों की जान चली गई, जिसमें हिमाचल प्रदेश में सबसे ज्यादा मौतें हुईं. गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि टोटल मौतों में से हिमाचल प्रदेश में 408, मध्य प्रदेश में 373, केरल में 355, गुजरात में 230 और महाराष्ट्र में 206 लोगों की मौत हुई. उन्होंने कहा, “पांच शीर्ष राज्यों के अलावा, कर्नाटक में 185, राजस्थान में 131, असम में 128 और छत्तीसगढ़ में 125 लोगों की जान गई.”

चूंकि केंद्रीय गृह मंत्रालय बाढ़ और भूस्खलन सहित किसी भी आपदा के कारण हुए नुकसान का डेटा केंद्रीय रूप से नहीं रखता है, इसलिए राय ने जल-मौसम संबंधी आपदाओं के कारण हुए नुकसान के विवरण के संबंध में विभिन्न राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों से प्राप्त जानकारी के अनुसार डेटा प्रदान किया.

3 लाख से अधिक घर क्षतिग्रस्त, 61 हजार मवेशी मारे गए

गृह राज्य मंत्री ने कहा कि आपदाओं में कुल मिलाकर 3,63,381 घर/झोपड़ियां क्षतिग्रस्त हुईं और जल-मौसम संबंधी आपदाओं के कारण 61,826 मवेशी मारे गए. उन्होंने कहा, “3,63,381 घरों/झोपड़ियों में से 1,56,691 असम में क्षतिग्रस्त हुए, 67,487 त्रिपुरा में क्षतिग्रस्त हुए (78 लोगों की जान चली गई), 29,369 घर/झोपड़ियां, मणिपुर में क्षतिग्रस्त हुईं (11 लोगों की जान चली गई), 22,414 घर/झोपड़ियां कर्नाटक में क्षतिग्रस्त हुईं और 20,741 घर/झोपड़ियां गुजरात में क्षतिग्रस्त हुईं.”

प्राथमिक जिम्मेदारी संबंधित राज्य सरकारों की है

नित्यानंद राय ने कहा कि आपदा प्रबंधन पर राष्ट्रीय नीति के अनुसार, जमीन पर राहत सहायता के वितरण सहित आपदा प्रबंधन की प्राथमिक जिम्मेदारी संबंधित राज्य सरकारों की है. “राज्य सरकारें केंद्र द्वारा अनुमोदित मदों और मानदंडों के अनुसार, पहले से ही उनके पास रखे गए राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF) से प्राकृतिक आपदाओं के मद्देनजर राहत उपाय करती हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राज्य सरकारों के प्रयासों में सहयोग करती है और अपेक्षित रसद और वित्तीय सहायता प्रदान करती है.

14 IMCT का गठन किया गया

अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय दल (IMCT) के दौरे के आधार पर आकलन के बाद ‘गंभीर प्रकृति’ की आपदाओं के मामले में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (NDRF) से प्रदान की गई अतिरिक्त वित्तीय सहायता का उल्लेख करते हुए गृह राज्य मंत्री राय ने कहा, “27 जनवरी तक 2024 के दौरान प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुए नुकसान के मौके पर आकलन के लिए असम, आंध्र प्रदेश, मिजोरम, केरल, नागालैंड, त्रिपुरा, गुजरात, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, बिहार, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु और पुडुचेरी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए कुल 14 IMCT का गठन किया गया है. IMCT की रिपोर्टों पर केंद्र सरकार द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार विचार किया जाता है.”


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-भारत एक्सप्रेस



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