Bharat Express

Criminal Law Bills: राज्यसभा से भी पास 3 क्रिमिनल लॉ बिल; अमित शाह बोले- अब तारीख पर तारीख नहीं, सिर्फ न्याय

राज्यसभा में चर्चा के दौरान देश के गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन से तारीख पर तारीख युग खत्म होगा और पीड़ित को 3 साल के भीतर न्याय मिल सकेगा.

अमित शाह

अमित शाह

Criminal Law Bills: तीन नए क्रिमिनल लॉ बिल लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी पास हो गया है. राज्यसभा ने आईपीसी, सीआरपीसी और साक्ष्य अधिनियम की जगह तीन आपराधिक विधेयक भारतीय न्याय संहिता ( द्वितीय ) 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023 पारित किए. इस दौरान राज्यसभा में चर्चा के दौरान देश के गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन से तारीख पर तारीख युग खत्म होगा और पीड़ित को 3 साल के भीतर न्याय मिल सकेगा. हमने कहा था कि आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति लाएंगे.

देश के खिलाफ काम करने वालों को दी जाएगी कड़ी सजा: शाह

शाह ने कहा कि नए आपराधिक कानूनों के माध्यम से देश के खिलाफ काम करने वालों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी. नए आपराधिक कानून लागू होने के बाद एफआईआर से लेकर फैसले तक की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “कांग्रेस सरकार की गलत नीतियों के कारण आतंकवाद के कारण 70,000 से अधिक लोग मारे गए.” राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, हमने कहा था कि न्याय मिलने की गति बढ़ाएंगे, कानूनों को सरल बनाएंगे, कानूनों को भारतीय बनाएंगे…

अमित शाह ने कहा कि इन विधेयकों का उद्देश्य पूर्ववर्ती कानूनों की तरह दंड देने का नहीं बल्कि न्याय देना है. उन्होंने कहा कि इन कानूनों की आत्मा भारतीय है. पहली बार भारत द्वारा, भारत के लिए और भारतीय संसद से बनाए गए कानून से हमारी आपराधिक न्याय प्रक्रिया चलेगी. इसका मुझे बहुत गौरव है.

यह भी पढ़ें: Nawaz Sharif ने अचानक की भारत की तारीफ, पाकिस्तान के लिए कह दी ये बड़ी बात, जानें क्या हैं इसके मायने

विधेयकों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकता है विपक्ष

बता दें कि देश के आपराधिक कानून को बदलने वाले तीन अहम विधेयकों- भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य विधेयक का रास्ता गुरुवार को राज्यसभा से भी साफ हो गया है. साथ ही विपक्षी राजनीतिक दलों के गठबंधन इंडिया ने संभवतः इन विधेयकों के कुछ प्रावधानों को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देने का फ़ैसला किया है.

-भारत एक्सप्रेस

Also Read