(प्रतीकात्मक तस्वीर)
छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र के अबूझमाड़ में शनिवार (16 नवंबर) सुबह सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में पांच माओवादी/नक्सली मारे गए. इस अभियान में दो जवान घायल भी हुए हैं और उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है.
नारायणपुर और कांकेर जिलों की सीमा से लगे उत्तरी अबूझमाड़ में माओवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद शनिवार सुबह सुरक्षा बलों ने संयुक्त अभियान शुरू किया था.
सुबह 6 बजे हुई मुठभेड़
पुलिस ने बताया कि सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच गोलीबारी सुबह करीब 6 बजे शुरू हुई और कई घंटों तक चली. उन्होंने बताया कि मुठभेड़ में पांच शव बरामद किए गए और उनके पास से हथियार भी जब्त किए गए. यह संयुक्त अभियान जिला रिजर्व गार्ड (DRG), विशेष कार्य बल (STF) और सीमा सुरक्षा बल (BSF) द्वारा चलाया गया.
कांकेर-नारायणपुर बॉर्डर पर अबूझमाड़ के जंगलों में नक्सलियों से मुठभेड़ पर एक जवान ने कहा, ‘मुठभेड़ सुबह 6 बजे शुरू हुई. मुठभेड़ अभी भी जारी है. करीब 5 नक्सली मारे गए. 2 जवान घायल हुए हैं. एक के पैर में और दूसरे के सिर में गोली लगी. दोनों सुरक्षित हैं.’ आईजी बस्तर पी. सुंदरराज ने कहा कि मुठभेड़ में घायल हुए 2 जवानों को एयरलिफ्ट कर रायपुर अस्पताल लाया गया है.
#WATCH | Raipur, Chhattisgarh: "…The encounter started around 6 am. The encounter is still going on. Around 5 Naxalites were killed. 2 soldiers were injured… one was shot in the leg and the other in the head. Both are safe," says a jawan on the encounter with Naxalites in the… https://t.co/8IJEFghKZ8 pic.twitter.com/9BgdR3HZgu
— ANI (@ANI) November 16, 2024
अबूझमाड़ क्षेत्र
अबूझमाड़ गोवा राज्य से भी बड़ा एक विशाल क्षेत्र है. यह मुख्य रूप से नारायणपुर जिले में स्थित है, जिसका छोटा हिस्सा बीजापुर, दंतेवाड़ा और कांकेर जिलों और महाराष्ट्र में फैला हुआ है. पिछले साल तक इस क्षेत्र को घने जंगल और सरकारी अधिकारियों की बहुत कम या मौजूदगी बिल्कुल नहीं होने के कारण माओवादियों के लिए एक आश्रय स्थल के रूप में देखा जाता था. हालांकि, इस साल सरकार के ‘माड़ बचाओ’ अभियान के तहत अबूझमाड़ और उसके आसपास के इलाकों में सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ों में 100 से अधिक माओवादियों को मार गिराया है.
इस साल 197 नक्सली मारे गए
शनिवार की हुए मुठभेड़ के साथ इस साल बस्तर क्षेत्र में मारे गए नक्सलियों की कुल संख्या 197 हो गई है, जो साल 2000 में छत्तीसगढ़ के गठन के बाद से एक साल में सबसे अधिक है. इस साल नक्सलियों ने यहां 17 सुरक्षाकर्मियों की हत्या की है और नक्सल विरोधी अभियानों में 60 नागरिकों की जान गई है, जो 2018 के बाद से नागरिकों की मौतों की सबसे अधिक संख्या है, जब 79 नागरिक मारे गए थे.
-भारत एक्सप्रेस
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.