जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के मुलवाड़वान गांव में मंगलवार दोपहर लगी आग में 68 घर जलकर खाक हो गए. अपने उजड़े आशियाने का दर्द पीड़ितों ने आईएएनएस से साझा किया. इस हादसे के बाद पीड़ितों ने मदद की गुहार लगाई है, उनका कहना है कि उनका अधिकांश सामान जलकर राख हो गया है. यह बहुत कठिन समय है. सरकार को हमारी मदद करनी चाहिए. स्थानीय लोग राहत सामग्री और सरकार से सहायता की उम्मीद कर रहे हैं.
खादमी चनवानी ने आईएएनएस को बताया कि आग ने पूरे गांव को अपनी चपेट में ले लिया था. किसी का कुछ भी नहीं बचा, सब कुछ जलकर राख हो गया. उन्होंने आगे कहा कि लोग रोते-बिलखते हुए खेतों में रहने को मजबूर हैं. किसी के पास कुछ नहीं बचा है. दमकल की टीम के पहुंचने तक पूरा गांव जलकर खाक हो चुका था. दमकल की गाड़ी को यहां आने में 6 घंटे लगे, स्थिति बहुत ही भयानक थी.
इस हादसे के बाद पीड़ितों ने मदद की गुहार लगाई है. एक स्थानीय निवासी ने आईएएनएस को उन तक पहुंचने के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि आपने खुद बाजार में देखा है, इस गांव की हालत बहुत ही खराब है. लगभग 70-75 घरों को नुकसान हुआ है। हमने बहुत कोशिश की, लेकिन आग पर काबू नहीं पाया.
उन्होंने आगे कहा कि हम पिछले दस साल से सरकार से मांग कर रहे हैं कि यहां पर फायर सर्विस की गाड़ियां होनी चाहिए. हमारी सबसे पहली मांग यही है कि यहां दो फायर सर्विस गाड़ियां और एक एम्बुलेंस होनी चाहिए. अगर यह सेवाएं होती, तो इतने घर नहीं जलते. जब फायर सर्विस की गाड़ियां आईं, तब तक पूरा गांव जल चुका था. हमारी गुजारिश है कि प्रभावित परिवारों को आर्थिक लाभ दिया जाए, उनके लिए आवास की व्यवस्था की जाए, क्योंकि बर्फबारी का मौसम आने वाला है.
एक अन्य स्थानीय निवासी ने कहा कि हमारी मांग है कि प्रभावित लोगों के पुनर्वास की तुरंत व्यवस्था हो. सरकार को हमारी मदद करनी चाहिए, उन्हें मकान बनाने के लिए निर्माण सामग्री, जैसे सीजीएसटी शीट और नकद राशि उपलब्ध कराई जाए. इनकी हालत बहुत खराब है और सर्दियों का मौसम आने वाला है. यदि इनका आवास नहीं बना, तो स्थिति गंभीर हो जाएगी.
एक अन्य स्थानीय व्यक्ति ने कहा कि 15 तारीख को जो आग लगी, उससे पूरा गांव खत्म हो गया. कुछ मकान बचे हैं, लेकिन उनकी स्थिति भी ठीक नहीं है. यह चौथा हादसा है जो सीमा के पास हुआ है. यहां पर फायर सर्विस की सख्त जरूरत है. जिला प्रशासन और राज्य सरकार को इस पर ध्यान देना होगा. गांव में लगभग 130 परिवार हैं, और यहां पर कोई सरकारी संसाधन नहीं है. ना बिजली है, ना सड़कें. सरकार की तरफ से कोई सुविधा नहीं है. हालांकि, पर्यटन की थोड़ी सी कोशिश हुई है, लेकिन वह भी पर्याप्त नहीं है.
इन सब के बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला गुरुवार को पीड़ित परिवारों से मुलाकात करेंगे. उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट पर लिखा, “मैं आज वारवान, किश्तवाड़ जाकर उन परिवारों से मिलूंगा जिनका जीवन इस विनाशकारी आग से उलट-पुलट हो गया है.”
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-भारत एक्सप्रेस