एयरपोर्ट पर पहुंचे कतर से रिहा हुए 7 पूर्व नौसैनिक.
Qatar-India Relations India Navy: कतर ने भारत के 8 पूर्व सैनिकों को रिहा कर दिया है. उन्हें इजराइल के लिए जासूसी के आरोप में फांसी की सजा सुनाई गई थी. इसके बाद भारत सरकार के अनुरोध पर उनकी सजा को पहले उम्रकैद में बदला गया और अब रिहा भी कर दिया गया है. जानकारी के अनुसार इसमें से 7 नौसैनिक तो भारत भी लौट आए हैं.
विदेश मंत्रालय ने एक्स पर साझा की गई एक पोस्ट में लिखा कि भारत सरकार कतर में मौत की सजा पाए 8 भारतीय पूर्व नौसैनिकों की रिहाई का स्वागत करता है. उनमें से 7 भारत लौट आए हैं. हम इन नागरिकों की रिहाई और घर वापसी के लिए कतर के अमीर की सराहना करते हैं.
पीएम मोदी को दिया धन्यवाद
भारत लौटने वाले एक नौसैनिक ने एएनआई से बात करते हुए बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप के बिना उनकी रिहाई संभव नहीं थी. उन्होंने दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंड करने के बाद भारत माता की जय के नारे लगाए. सभी अधिकारियों ने पीएम मोदी और कतर के अमीर को धन्यवाद दिया.
#WATCH दिल्ली: कतर ने आठ पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों को रिहा किया जो उसकी हिरासत में थे, उनमें से सात भारत लौट आए हैं। pic.twitter.com/1vx1Vvns5r
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 12, 2024
ये सैनिक हुए रिहा
कतर में सजा पाए पूर्व भारतीय नौसैनिकों कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कैप्टन बीरेंद्र कुमार शर्मा, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर सुगुनाकर पगला, कमांडर अमित नागपाल, नाविक रागेश, कैप्टन सौरभ वशिष्ट का नाम शामिल हैं. ये सभी नौसैनिक कतर के सैनिकों को ट्रेनिंग देते थे.
#WATCH | Delhi: One of the Navy veterans who returned from Qatar says, "We are very happy that we are back in India, safely. Definitely, we would like to thank PM Modi, as this was only possible because of his personal intervention…" pic.twitter.com/iICC1p7YZr
— ANI (@ANI) February 12, 2024
2022 में सुनाई गई थी मौत की सजा
बता दें कि सभी 8 पूर्व भारतीय नौसैनिक अलदहरा ग्लोबल टेक्नोलाॅजीज और कंसेल्टेंसी सर्विसेज के साथ काम रकने वाले पूर्व भारतीय नौसैनिकों को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद भारत सरकार ने इस मामले में कानूनी मदद ली. जानकारी के अनुसार 26 अक्टूबर 2022 को कतर की एक अदालत ने 8 पूर्व भारतीय नौसैनिकों को मौत की सजा सुनाई थी.
भारत ने बनाया दबाव
हालांकि जब यह सजा हुई तो कतर और भारत में किसी ने इन आरोपों को सार्वजनिक नहीं किया. हालांकि जब मौत की खबर ने वैश्विक सुर्खिया बटोरीं तो भारत हरकत में आया. इससे पहले पूर्व नौसैनिक अधिकारियों ने अक्टूबर 2022 में दोहा में भारतीय राजदूत से मुलाकात की थी इसके बाद वे अपने रिश्तेदारों से बात कर पाए थे. मार्च 2023 में दायर की गई याचिकाओं में से आखिरी याचिका खारिज कर दी गई थी.
इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने 1 दिसंबर 2023 को दुबई में कोप28 शिखर सम्मेलन में पीएम नरेंद्र मोदी और कतर के अमीर शेख बिन हमाद थानी के बीच बैठक के बाद पूर्व नौसैनिकों की सजा को कम किया गया था.
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