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मनी लॉन्ड्रिंग मामला: AAP विधायक अमानतुल्लाह खान के खिलाफ लंबित कार्यवाही पर रोक लगाने से हाईकोर्ट का इनकार

आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अपने खिलाफ लंबित कार्यवाही पर रोक लगाने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.

Amanatullah Khan

अमानतुल्लाह खान (फोटो- IANS)

मनी लॉन्ड्रिंग मामला में आरोपी आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान को दिल्ली हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली है. दिल्ली हाईकोर्ट ने अमानतुल्लाह के खिलाफ निचली अदालत में लंबित कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. हालांकि कोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. कोर्ट 28 अक्टूबर को इस मामले में अगली सुनवाई करेगा.

न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने सुनवाई करते हुए कहा मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट को कम से कम यह तय करने दें कि मामला बना है या नहीं. उन्हें देखने दें कि कोई अपराध बना है या नहीं. आप चाहते हैं कि कार्यवाही पर रोक लगे? खान ने ट्रायल कोर्ट के 31 जुलाई के आदेश को रद्द करने की मांग की है. 31 जुलाई के अपने आदेश में अदालत ने ईडी द्वारा दायर एक शिकायत में खान को समन जारी करने के मजिस्ट्रेट कोर्ट के 9 अप्रैल के आदेश को बरकरार रखा, जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग मामले के संबंध में एजेंसी द्वारा समन का पालन न करने का आरोप लगाया गया था.

ईडी ने 4 अप्रैल को धारा 174 और धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें पीएमएलए धारा 50 के तहत उन्हें जारी किए गए समन का पालन न करने के लिए एजेंसी को समन जारी करने का अधिकार दिया गया है. विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने फैसला सुनाया था कि मजिस्ट्रेट के 9 अप्रैल के आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है और याचिका में कोई दम नहीं है.

उच्च न्यायालय में दायर अपनी याचिका में ओखला विधायक ने कहा था कि समन आदेश कानून के विपरीत है क्योंकि इसे विवेकपूर्ण तरीके से नहीं बल्कि लापरवाही और लापरवाही से पारित किया गया था. याचिका में आगे कहा गया कि समन जारी करते समय न्यायालय यह समझने में विफल रहा कि ईडी के समन के जवाब में उनकी गैरहाजिरी जानबूझकर या जानबूझकर नहीं थी, क्योंकि उन्होंने उचित और वैध स्पष्टीकरण दिए थे.

मंगलवार को सुनवाई के दौरान अधिवक्ता रजत भारद्वाज ने तर्क दिया कि जब उनका मुवक्किल जांच एजेंसी के समक्ष पेश हुआ तो सभी नोटिसों का अनुपालन किया गया. वहीं याचिका की स्थिरता पर सवाल उठाते हुए ईडी के विशेष वकील जोहेब हुसैन ने दलील दी कि खान द्वारा 14 समन टालने के बाद जांच एजेंसी ने शिकायत दर्ज कराई थी. हुसैन ने यह भी कहा कि आदेश उचित सोच-समझकर पारित किया गया था और यह गलत नहीं था.

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-भारत एक्सप्रेस



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