गुजरात चुनाव
Gujarat Election: आज चल रही गुजरात विधानसभा चुनाव की मतगणना के रुझान आने शुरु हो चुके हैं. लंबे समय से गुजरात की सत्ता पर काबिज बीजेपी एक बार फिर सत्ता में आती हुई नजर आ रही है. दिल्ली से जाकर गुजरात में अपना दम खम दिखाने का दावा करने वाली आम आदमी पार्टी के कई उम्मीदवार पीछे चल रहे हैं. ऐसे में आम आदमी पार्टी के कई बड़े चेहरे ऐसे भी हैं, जिनकी जीत और हार को लेकर लोगों के बीच काफी उत्सुकता है.
इन बड़े नामों में आम आदमी पार्टी के सीएम पद के उम्मीदवार ईशुदान गढ़वी, प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया और आप के दिग्गज नेता अल्पेश कथीरिया शामिल हैं. इनकी सीटों पर चल रही वोटों की गिनती पर सभी की निगाहें हैं.
पहली बार गुजरात के चुनावी रण में अपनी किस्मत आजमा रही आम आदमी पार्टी ने सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. इसके साथ ही आप के कई दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है. बतातें चलें कि AAP ने ईशुदान गढ़वी को अपना मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर रखा है. वहीं आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटिलाया सहित तीन बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है.
खंभालिया सीट: ईशुदान गढ़वी
देवभूमि द्वारिका की खंभालिया सीटआम आदमी पार्टी के सीएम कैंडिडेट ईशुदान गढ़वी के कारण गुजरात चुनाव में खास सीट में गिनी जा रही थी. ईशुदान गढ़वी ओबीसी समुदाय से आते हैं, जिनके खिलाफ भाजपा ने मुलुभाई बेरा को उतारा था. इस सीट पर कांग्रेस ने अपने निवर्तमान विधायक विक्रम माडम को फिर से मौका दिया था.
इस सीट पर लड़ाई त्रिकोणीय मानी जा रही थी. लेकिन आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार इसुदान गढ़वी अपनी यह सीट हार गए हैं. ईशुदान को बीजेपी उम्मीदवार अयार मुलुभाई हरदसभाई ने 18,745 वोटों के अंतर से हराया है. मुलुभाई हरदसभाई को 77,834 वोट मिले हैं. वहीं ईशुदान को 59,089 वोटों से संतोष करना पड़ा.
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कतारगाम सीट: गोपाल इटालिया
पुलिस कांस्टेबल और क्लर्क की नौकरी कर चुके गोपाल इटालिया आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं. पार्टी ने उन्हें इस सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है. इस सीट पर पाटीदार वोटरों की बहुलता है. बीजेपी ने यहां से वीनू मोरडिया को उतारा था, वहीं कांग्रेस ने कल्पेश वारिया पर अपना दांव चला था. इस सीट पर भी लड़ाई त्रिकोणीय मानी जा रही थी. लेकिन गोपाल इटालिया चुनाव हार चुके हैं.
वराछा सीट: अल्पेश कथीरिया
आप पार्टी के बड़े नेता अल्पेश कथीरिया के कारण वराछा सीट पर सभी की नजर थी. माना जा रहा था कि पाटीदार बहुल इस सीट पर पाटीदार आंदोलन के प्रमुख चेहरे अल्पेश कथीरिया के उतरने से पार्टी के साथ खुद उनकी प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी हुई है. मंत्री किशोर कनाणी इस सीट से बीजेपी का चेहरा थे. वहीं कांग्रेस से प्रफुल तोगड़िया इस सीट से चुनाव लड़ रहे थे. भाजपा यहां लंबे समय से जीत दर्ज करती आ रही है. लेकिन पाटीदार नेता अल्पेश कथीरिया के उतरने से मुकाबता रोमांचक होने की उम्मीद थी. लेकिन अल्पेश दूर तक कहीं लड़ाई में नजर नहीं आए और चुनाव हार गए.